कल से शुरू होगा डाटा इकट्टा करने का काम, फिर शुरू होगा बैठकों का दौर
इन्दौर। चुनाव परिणाम (Election Result) के पहले ही भाजपा (BJP) वार्ड स्तर पर हुए मतदान का विश्लेषण करने जा रही है। जिस तरह से भाजपा ने सर्वाधिक मतदान के लिए ताकत लगाई थी, उसमें कौन-से वार्ड में काम हुआ और कौन-सा वार्ड फिसड्डी रहा, इसको लेकर भी संबंधित वार्ड प्रभारी और वार्ड संयोजकों से पूछताछ की जाएगी।
इस बार भाजपा ने पूरी तरह से गुजरात पैटर्न पर चुनाव लड़ा। आला संगठन ने प्रदेश में ही नए-नए प्रयोग कर अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए कई तरह की कवायदें की हैं, वहीं 51 प्रतिशत वोट बैंक का लक्ष्य तो गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने पहले ही दिया था। इंदौर में भी भाजपा के संगठन ने प्रवासी विधायकों को तो भेजा ही था, इसके साथ ही प्रत्येक विधानसभा पर विधानसभा प्रभारी, विधानसभा संयोजक भी बनाए थे। बूथ प्रभारी, बूथ संयोजक, बूथ अध्यक्ष के साथ-साथ शक्ति केन्द्र के संयोजकों की नियुक्ति भी की गई थी। अब इसके बाद भाजपा के पक्ष में किस तरह का परिणाम आएगा, इसकी राह भी संगठन देख रहा है, लेकिन उसके पहले ही सभी नगर एवं जिलाध्यक्षों से कहा गया है कि वे सभी वार्डों से डाटा मंगवाए और पिछले डाटा के आधार पर उसका तुलनात्मक विश्लेषण करें, ताकि मालूम चल सके कि संगठन के लोगों ने किस प्रकार की मेहनत की है। 3 दिसम्बर को चुनाव परिणाम आना है, लेकिन उसके पहले ही रिपोर्ट तैयार कर भोपाल भिजवाना है। इससे एक आकलन भी हो जाएगा कि भाजपा को किस सीट पर फायदा होगा और किस पर नुकसान। इस रिपोर्ट में 2018 का डाटा भी मांगा गया है। वैसे इंदौर में विधानसभा स्तर पर अच्छा मतदान हुआ है और सबसे ज्यादा मतदान ग्रामीण क्षेत्र के देपालपुर में हुआ। कल से डाटा इक_ा करने का काम शुरू हो जाएगा और एक सप्ताह में उसकी रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी।
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