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कोर कमेटियों के फीडबैक से भाजपा करेगी मिशन 2023 फतह

November 10, 2022

  • समन्वय और संवाद बनाए रखने के लिए जिला कोर कमेटियों के निर्णयों को दी जा रही तरजीह

भोपाल। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 200 सीटों के साथ सरकार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए पार्टी ने जिलों में भी सत्ता-संगठन के नेताओं में बड़े एवं नीतिगत मुद्दों पर बेहतर समन्वय और संवाद बनाए रखने के लिए जिला कोर कमेटियों के निर्णयों को तरजीह दी जा रही है। भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि कोर कमेटियों के फीडबैक से भाजपा मिशन 2023 फतह की रणनीति बनाकर काम कर रही है। मप्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की प्रदेश एवं जिलों की कोर कमेटियां एकाएक पॉवरफुल हो गईं हैं। सत्ता-संगठन के सामने मिशन 2023 फतह कर पांचवीं बार फिर सरकार बनाने की राह में कई चुनौतियां दिख रही हैं। यही वजह है कि पार्टी हाईकमान ने हर महीने कोर कमेटी की बैठकें बुलाकर पार्टी और सरकार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय सामूहिक सहमति से लेने की हिदायत दी है। राष्ट्रीय प्रभारी भी अब सीधे जिला कोर कमेटियों की बैठकों में पहुंचने लगे हैं। मालवा-निमाड़ सहित मध्यभारत के करीब एक दर्जन जिलों में ऐसा हो चुका है। कोर ग्रुप सदस्यों को इन बैठकों में फीडबैक देने के साथ बेबाकी से अपनी बात रखने को कहा गया है।

हाईकमान को भी भेजी जाएगी रिपोर्ट
राज्य में लागू होने वाली नई योजना अथवा कार्यक्रम आदि की जानकारी भी मुख्यमंत्री बैठक में रखेंगे। सरकार के स्तर पर लिए जाने वाले निर्णयों पर भी इन बैठकों में विचार-विमर्श होगा। प्रदेश स्तरीय बैठक में बड़ी समस्याओं और सुझाव पर भी चिंतन होगा। संभवत: यह पहला मौका है जब इन बैठकों और उनमें लिए गए निर्णयों की रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को भी भेजी जाएगी। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तक यह रिपोर्ट जाएगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय संगठन में जितना महत्व भाजपा संसदीय दल का है राज्य स्तर पर कोर ग्रुप को भी कमोबेश उतना ही पॉवरफुल बनाया जा रहा है। जिलों में भी सत्ता-संगठन के नेताओं में बड़े एवं नीतिगत मुद्दों पर बेहतर समन्वय और संवाद बनाए रखने के लिए जिला कोर कमेटियों के निर्णयों को तरजीह दी जा रही है। गौरतलब है कि हाल ही में मालवा और निमाड़ अंचल में कई जिलों की कोर कमेटी बैठकों में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी शामिल हो चुके हैं। भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के जिलों का फीडबैक भी दिया जा चुका है। उन्होंने कमेटी के सदस्यों से आगामी कार्यक्रमों, बूथ मजबूती और वोट शेयर बढ़ाने संबंधी तैयारी और मैदानी स्थितियों का ब्यौरा भी लिया। करीब सवा महीने पहले भोपाल के समीप रातापानी में प्रदेश कोर ग्रुप सहित महत्वपूर्ण मैराथन बैठक सुर्खियों में रह चुकी है। उस दिन चुनावी रणनीति से लेकर सियासी नियुक्तियों जैसे कई मसलों पर देर रात तक चले मंथन में केंद्रीय मंत्री, प्रभारी सहित प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने शिरकत की थी।



हर बूथ पर 100 नए मतदाता बनाने का लक्ष्य
विधानसभा चुनाव के लगभग एक साल पहले भाजपा उन लोगों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो पहली बार मतदाता बनेंगे। इनमें अठारह वर्ष की आयु पूरी करने वाले तो होंगे ही, दूसरी जगह से ब्याह कर हाल ही में इंदौर आईं वे बहुएं भी होंगी जिनका नाम यहां की मतदाता सूची में नहीं जुड़ पाया है। साथ ही दूसरे शहरों या इलाकों से रोजगार और नौकरी के लिए भोपाल रहने आए लोगों को भी अपने पाले में लाने के लिए मतदाता बनाया जाएगा। उनका नाम पुरानी जगह से कम करवाकर भोपाल में जुड़वाया जाएगा, ताकि चुनाव में वे भोपाल में वोट डाल सकें। हर बूथ पर कम से कम 100 नए मतदाताओं के नाम जुड़वाने का लक्ष्य तय किया गया है। निर्वाचन आयोग द्वारा 9 नवंबर से 8 दिसंबर तक चलने वाले मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान यह सब किया जाएगा। इसी सिलसिले में प्रदेश भाजपा ने मतदाता सूचियों में नाम जुड़वाने, मतदाता सूची का भौतिक सत्यापन और संशोधन कराने पर अपना पूरा फोकस किया है। इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन द्वारा वार्ड स्तर पर पांच लोगों की टोली बनाई जाएगी। इसमें स्थानीय पार्षद ,वार्ड संयोजक, वार्ड सह संयोजक, वार्ड प्रभारी एवं वार्ड सह प्रभारी सम्मिलित रहेंगे। भाजपा की कोशिश है कि मतदाता सूची में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए। इसके लिए पार्टी ने कवायद शुरू कर दी है। अब पांच लोगों की टोली पोलिंग बूथ पर कसावट का काम करेगी। साथ ही संगठन के स्तर पर पार्षदों ने क्या काम किए हैं, इसकी भी जानकारी प्रदेश को देनी होगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि मतदाता सूची को दुरुस्त कर हमें हर पोलिंग बूथ पर 51 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य प्राप्त करना है। अधिक से अधिक नए मतदाता तो बनाना ही है, जिन मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें भी जुड़वाना है। एक ही परिवार के जिन मतदाताओं के नाम अन्य क्षेत्र के पोलिंग बूथ में जुड़े हैं उन्हें ठीक कराने का कार्य करना है।

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