चंडीगढ़ । कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी प्रदर्शन के बीच पंजाब (Punjab) में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में सत्तारुढ़ कांग्रेस (Congess) को धमाकेदार जीत मिली है तो भारतीय जनता पार्टी (BJP ) और आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. सनी देओल (Sunny Deol) के संसदीय क्षेत्र ( parliamentary seat Gurdaspur) में बीजेपी की एक उम्मीदवार को महज 9 वोट ही मिले हैं. जिसने आज साफ बता दिया है कि किसान आन्दोलन का असर यहां सबसे अधिक भाजपा पर हुआ है और उसे बदले हालातों में आगे भी नुकसान सहने के लिए तैयार रहना होगा.
स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम के बाद विपक्ष की ओर से सत्तारुढ़ कांग्रेस पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया गया है. गुरदासपुर नगरपालिका परिषद (Gurdaspur Municipal Council) की वार्ड संख्या 12 से बीजेपी उम्मीदवार किरण कौर को महज 9 वोट ही मिले हैं. चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद बीजेपी उम्मीदवार किरण ने फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कराने और ईवीएम को बदलने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
वहीं, किरण कौर का दावा है कि अकेले उनके परिवार से ही 15 से 20 सदस्यों ने उनके पक्ष में वोट दिया था लेकिन उन्हें सिर्फ 9 वोट ही मिले. कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए किरण कौर ने कहा, ‘कांग्रेस ने हमें धोखा दिया है. हमारे परिवार की ओर से 15 से 20 वोट डाले गए. जबकि मुझे केवल 9 वोट मिले. हमारी पूरी लेन ने मेरे लिए वोट देने का वादा किया था, लेकिन मेरे पक्ष में किसी का भी वोट नहीं दिया गया. हमारे हस्ताक्षर तक फर्जी थे.’
सुश्री कौर ने कांग्रेस नेताओं पर उनके परिवार को परेशान करने का भी आरोप लगाया. किरण का कहना है, ‘हमें उनके (कांग्रेस) द्वारा परेशान किया गया. मेरे पति की रेहड़ी (गाड़ी) हटा दी गई. मुझे स्कूल से भी निकाल दिया गया.’ बीजेपी उम्मीदवार ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने उनसे सीट खाली करने को भी कहा था. उन्होंने कहा, ‘मैंने छोड़ने से मना कर दिया. मैं जीत रही थी, लेकिन उन्होंने रात में मशीनों (EVM) को बदल दिया और कांग्रेस के पक्ष में वोट डाल दिए गए.’ दूसरी ओर जमीनी हकीकत यह भी है कि कृषि कानूनों का असर सबसे अधिक पंजाब में हुआ है, जिसका बुरा असर राजनीतिक तौर पर सबसे ज्यादा भाजपा को ही झेलना पड़ रहा है.
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