भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए 29 सीटों पर कुल 369 उम्मीदवार (Candidate) चुनाव मैदान में थे। इनमें से 311 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इस चुनाव में भाजपा (BJP) ने राज्य की सभी 29 सीटें जीतकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। 40 साल बाद इस उपलब्धि को हासिल करने वाली वह पहली राजनीतिक पार्टी बन गई है।
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने शुक्रवार को फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया कि भाजपा ने मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा सहित राज्य की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल कर 40 वर्षों के बाद ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बन गई है। राजन ने बताया कि इस लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे कुल 369 उम्मीदवारों में से 311 की जमानत जब्त हो गई।
उन्होंने बताया कि 84 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों को जमानत के लिए जमा अपनी राशि गंवानी पड़ी, जो कि 12,500 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक थी। सभी 29 सीटें जीतने के साथ भाजपा मध्य प्रदेश में 40 वर्षों के बाद ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बनी। राज्य के 26 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की जीत का अंतर 1 लाख से 5 लाख वोटों के बीच था। वहीं, भिंड, ग्वालियर और मुरैना निर्वाचन क्षेत्रों में यह 1 लाख से कम था। भाजपा को 59.3 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त हुआ, जो 2019 के चुनाव परिणामों की तुलना में लगभग 1.3 प्रतिशत अधिक है।
हालांकि इस बार कांग्रेस का वोट शेयर 2.1 प्रतिशत कम हो गया। इसका वोट शेयर 2019 में 34.5 प्रतिशत से घटकर 32.4 प्रतिशत हो गया। चुनाव आयोग के एक अन्य अधिकारी के अनुसार, जमानत बचाने के लिए एक उम्मीदवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध वोटों का छठा हिस्सा हासिल करना होता है। सबसे शानदार जीत इंदौर से भाजपा के मौजूदा सांसद शंकर लालवानी ने दर्ज की। उन्होंने 11,75,092 वोटों के अब तक के सबसे बड़े अंतर से सीट हासिल की। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार अक्षय कांति बम के भाजपा में चले जाने के बाद इंदौर सीट पर चुनाव नहीं लड़ा। इंदौर में अन्य सभी 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। बसपा उम्मीदवार लक्ष्मण सोलंकी को 51,659 वोट मिले और वह इंदौर में दूसरे स्थान पर रहे। हालांकि उनकी भी जमानत जब्त हो गई।
चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को जमानत राशि के रूप में 12,500 रुपये जबकि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 25,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। बसपा के दो उम्मीदवार सतना से नारायण त्रिपाठी और मुरैना से रमेश गर्ग अपनी जमानत बचाने में सफल रहे। त्रिपाठी को 1.85 लाख से अधिक वोट मिले, जबकि गर्ग को 1.79 लाख से अधिक वोट मिले।
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