कोलकाता। मणिपुर पर जारी हिंसा थम नहीं रही है। रविवार को विपक्षी गठबंधन के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के हालात देखकर वापस लौट आया। सभी नेताओं ने मणिपुर के स्थिति को देखकर चिंता जताई। साथ केंद्र सरकार से जरूरी कदम उठाने की बात कही। वहीं विपक्ष सदन में लगातार मणिपुर मामले को लेकर पीएम मोदी से जवाब मांग रहा है।
इस बीच बंगाल विधानसभा में मणिपुर पर एक प्रस्ताव पेश किया है। इसके बाद सदन में बीजेपी विधायकों को बोलने का मौका भी दिया गया। भाजपा विधायक शंकर घोष ने कहा, बंगाल की सरकार कितनी गंभीर है यह इससे पता चलता है कि इसका समय कम कर दिया गया है। पहले दो घंटे का समय दिया गया था, जिसे सदन की सहमति से एक घंटा किया गया था।
वहीं बीजेपी के हिरनमय चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग और INDIA बराबर है। मणिपुर पर चर्चा हो रही है तो फिर राजस्थान पर चर्चा क्यों नही हो रही है। आपको अपना राज्य नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को मणिपुर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, असम दिख जाता है, लेकिन बंगाल की हिंसा नहीं दिखती है।’
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मणिपुर एक दूसरे राज्य और विधानसभा का मामला है। जब वहां पर कोई समस्या होगी तो संसद में इस पर बहस हो सकती है, लेकिन किसी राज्य को अधिकार नहीं है कि वो इस पर बहस कर सके।
शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर सुनवाई हो रही है। यह आपने राजनीतिक फायदे के लिए किया है। सिर्फ INDIA लिख देने से ही इंडिया नहीं हो जाता है। 2021 से लेकर अभी तक जो मौत हुई है उस पर कभी चर्चा नहीं हुई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी राज्य विधानसभा में अपना बयान दिया। बनर्जी ने कहा, ‘Dont Talk Like Rubbish’ बीजेपी को कोई कुछ नहीं बोल सकता। मीडिया की स्वतंत्रता से समझौता किया जा रहा है और भारत जल रहा है। बीजेपी बेटी जलाओ और बेटी हटाओ कर रही है। ममता ने कहा कि मुझे बीजेपी से ज्ञान नहीं चाहिए।’
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