• img-fluid

    भाजपा राहुल गांधी को धन्यवाद दे

  • May 24, 2022

    – डॉ. वेदप्रताप वैदिक

    राहुल गांधी ने लंदन जाकर भारत की राजनीति, सरकार, संघवाद, विदेश मंत्रालय आदि के बारे में जो बातें कहीं, वे नई नहीं हैं। लेकिन सवाल यह है कि उन्हें विदेशों में जाकर क्या यह सब बोलना चाहिए? भारत में रहते हुए वे सरकार की निंदा करें, यह बात तो समझ में आती है, क्योंकि वे ऐसा न करें तो विपक्ष का धंधा ही बंद हो जाएगा। भारत का विपक्ष इतना टटपूंजिया हो गया है कि उसके पास निंदा के अलावा कोई धंधा ही नहीं बचा है। उसके पास न कोई विचारधारा है, न सिद्धांत है, न नीति है, न कार्यक्रम है, न जन आंदोलन के कोई मुद्दे हैं। उसके पास कोई दिखावटी नेता भी नहीं हैं। जो नेता हैं, वे कालिदास और भवभूति के विदूषकों को भी मात करते हैं। उनकी बातें सुनकर लोग हंसने के अलावा क्या कर सकते हैं?

    जैसे राहुल गांधी का यह कहना कि भारत-चीन सीमा का विवाद रूस-यूक्रेन युद्ध का रूप भी ले सकता है। ऐसा मजाकिया बयान जो दे दे, उसे कुछ खुशामदी लोग फिर से कांग्रेस-जैसी महान पार्टी का अध्यक्ष बनवा देना चाहते हैं। जो व्यक्ति भारत की तुलना यूक्रेन से कर सकता है, आप अंदाज लगा सकते हैं कि उसके माता-पिता ने उसकी पढ़ाई-लिखाई पर कितना ध्यान दिया होगा?

    कोई जरूरी नहीं है कि हर नेता अंतरराष्ट्रीय राजनीति का विशेषज्ञ हो लेकिन वह यदि अखबार भी ध्यान से पढ़ ले और उन्हें न पढ़ सके तो कम से कम टीवी देख लिया करे तो वह ऐसी बेसिर-पैर की बात कहने से बच सकता है। भारतीय राजनीति परिवारवाद और सत्ता के केंद्रीयकरण से ग्रस्त है, इसमें शक नहीं है लेकिन उसका विरोध करने की बजाय राहुल ने भारत को विभिन्न राज्यों का संघ बता दिया। इसका अर्थ क्या हुआ? यानी भारत एकात्म राष्ट्र नहीं है। ऐसा कहकर क्या अलगाववाद को प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है? इसी तरह पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति की तुलना भारत से करने की तुक क्या है?

    भारत में कोई सरकार कभी अपनी फौज के इशारों पर नाची है? यह कहना बिल्कुल गलत है कि भारत के अखबारों और टीवी चैनलों पर भारत सरकार का 100 प्रतिशत कब्जा है। क्या आज भारत में आपातकाल (1975-77) जैसी स्थिति है? जो पत्रकार और अखबार मालिक खुशामदी हैं, वे अपने स्वार्थों की वजह से हैं। जो निष्पक्ष और निर्भीक हैं, उन्हें छूने की हिम्मत किसी की भी नहीं है। भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री पर घमंडी होने का आरोप भी लगाया जाता रहा है लेकिन यही आरोप तो आज कांग्रेस के नेतृत्व को तबाही की तरफ ले जा रहा है।

    हमारे विदेश मंत्रालय के अफसरों पर आक्षेप करना भी उचित नहीं है। वे अत्यंत शिष्ट और उचित व्यवहार के लिए सारी दुनिया में जाने जाते हैं। कुछ भाजपा नेताओं ने राहुल के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देने की कोशिश भी की है। वह तो जरूरी था लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि भाजपा अपने भाग्य को सराहे कि उसे राहुल-जैसा विरोधी नेता मिल गया है, जिससे उसको कभी कोई खतरा हो ही नहीं सकता। भाजपा को अगर कभी कोई खतरा हुआ तो वह खुद से ही होगा। भाजपा को चाहिए कि वह राहुल को धन्यवाद दे और उसकी पीठ थपथपाए।

    (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)

    Share:

    मंगलवार का राशिफल

    Tue May 24 , 2022
    युगाब्ध-5124, विक्रम संवत 2079, राष्ट्रीय शक संवत-1944 सूर्योदय 05.35, सूर्यास्त 06.42, ऋतु – ग्रीष्म   ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष नवमी, मंगलवार, 24 मई 2022 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल।   मेष राशि […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved