नई दिल्ली । महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले अपने गठबंधन (Alliance) को मजबूत करने के लिए भाजपा (BJP) ने पूर्व में तय समझौते के अनुसार राकांपा (अजित पवार) को एक राज्यसभा सीट दी है। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एनडीए (NDA) को सफलता मिलने पर राकांपा को केंद्र सरकार में शामिल करने की भी कोशिश की जा सकती है। गौरतलब है कि हाल में अजित पवार के बयान और उनकी पार्टी के केंद्र सरकार में शामिल न होने से राकांपा को लेकर एनडीए में काफी उहापोह रहा है।
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों की घोषणा अगले माह होने की संभावना है। चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने हैं। ऐसे में भाजपा राज्य में अपनी गठबंधन सरकार को बरकरार रखने के लिए अपने सहयोगियों को पूरी तरह से साधने में जुटी हुई है। भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को लेकर संशय की स्थिति बनी रहती है। दरअसल लोकसभा चुनावों में अपेक्षाकृत सफलता न मिलने और अजित पवार की पत्नी की हार के बाद स्थितियां बदलती दिखी हैं। इसके बाद मंत्री पद को लेकर असंतुष्ट राकांपा ने मोदी सरकार में शामिल न होने का भी फैसला किया था। हालांकि संकेत है कि आगामी विधानसभा चुनाव उम्मीद के अनुरूप रहने पर भाजपा अजित पवार को एक बार फिर से केंद्र सरकार में शामिल होने के लिए मना सकती है।
दो सीटों पर बराबर बंटवारा
इस बीच भाजपा ने राज्यसभा के उपचुनाव में एक सीट राकांपा को देने के वादे को निभाया और उपचुनाव वाली दो सीटों में एक भाजपा व एक राकांपा को मिली। इस पर शिवसेना ने भी सहमति दी। सूत्रों के अनुसार इसके बाद भी भाजपा को राकांपा पर पूरा भरोसा नहीं हो पा रहा है कि वह विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पाला न बदल ले। हालांकि, भाजपा नेताओं का कहना है कि मौजूदा स्थिति में अजित पवार को फिर से अपने चाचा शरद पवार के साथ जाने में नुकसान ही होगा। इसलिए चुनाव में एनडीए गठबंधन में कोई बदलाव नहीं आएगा।
गठबंधन कमजोर पड़ने से रोकने की कवायद
हाल ही में अजित पवार ने अपने परिवार को लेकर जो बयान दिए थे, उससे अटकलें थीं कि राकांपा फिर से एकजुट हो सकती है, लेकिन भाजपा ने अजित पवार से किए वादे के मुताबिक राज्यसभा उपचुनाव की एक सीट उनको दे दी। भाजपा नहीं चाहती कि उसका गठबंधन कमजोर पड़े और कोई साथी छोड़कर जाए। यही वजह है कि वह अभी से ही सीटों के बंटवारे को लेकर अंदरूनी तौर पर सहयोगी दलों संग बातचीत भी कर रही है।
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