• img-fluid

    आदिवासियों को साधने भाजपाई रणनीतिकार भी मोर्चे पर तैनात

  • September 18, 2022

    • 46 निकाय चुनाव तय करेंगी आदिवासी वोटर्स किसके साथ

    भोपाल। मप्र में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासियों को साधने और परखने का आखिरी मौका है 46 नगरीय निकाय चुनाव। इन निकायों के चुनाव परिणाम यह संकेत दे देंगे की आदिवासी मतदाता किस पार्टी के साथ है। इसलिए भाजपा और कांग्रेस ने इस वर्ग को साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ सक्रिय हैं तो भाजपा ने अपने रणनीतिकारों को भी मोर्चे पर तैनात कर दिया है। गौरतलब है कि मप्र में आदिवासी वोटर्स जिस पार्टी का साथ देते हैं उसकी सरकार बनती है। 2018 में आदिवासियों ने कांग्रेस का साथ दिया था उनकी सरकार बनी थी। अत: मिशन 2023 के लिए भाजपा आदिवासियों को हर हाल में साधना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने अपने नेताओं के साथ ही रणनीतिकारों को भी मोर्चे पर लगा दिया है। जिन 46 निकायों में मतदान होना है वह सभी झाबुआ अलीराजपुर शहडोल सिंगरौली मंडला डिंडोरी बालाघाट छिंदवाड़ा बेतूल रतलाम रायसेन खरगोन खंडवा अनूपपुर उमरिया सिवनी बुरहानपुर और सागर जिले के अंतर्गत हैं। इनमें से ज्यादातर जिलों में पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए अनुकूल नहीं रहे थे। उसे अजजा वर्ग की आरक्षित 47 में से महज 16 सीटें ही मिल पाई थी। यही कारण है कि भाजपा क्षेत्रों पर विशेष फोकस कर रही है।


    जामवाल और हितानंद हुए सक्रिय
    प्रदेश की सियासत में आदिवासी वर्ग के वोटर्स की प्रमुख भूमिका को देखते हुए 46 निकाय चुनाव में भाजपा आलकमान भी सक्रिय हो गए हैं। भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी झाबुआ अलीराजपुर के ग्रामीणों का मन टटोलने निकल पड़े हैं। 17 नगरपालिका और 29 नगर परिषदों में से ज्यादातर आदिवासी बहुल क्षेत्रों के हैं। इन निकायों में जीत का परचम फहरा कर भाजपा मिशन 2023 को लेकर आश्वस्त है होने की कवायद में जुटी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा बैतूल जिले के ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर हैं जबकि संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने भी महाकौशल में आदिवासी बहुल गांव का प्रवास कार्यक्रम बना लिया है। प्रदेश में यह पहला मौका है जब सत्ताधारी दल में राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी ने भी निकाय चुनाव वाले आदिवासी जिलों से सीधे जमीनी फीडबैक हासिल करने का कार्यक्रम बनाया है। भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल का कार्यभार संभालने के बाद मध्य प्रदेश में 1 महीने के बाद यह दूसरा प्रवास कार्यक्रम है इंदौर आने के बाद उन्होंने सीधे झाबुआ और अलीराजपुर जिले के ग्रामीण अंचलों में जाने का कार्यक्रम बना लिया। प्रदेश में यह दोनों जिले आदिवासी बाहुल्य है। 2018 के चुनाव में इन दोनों जिलों सहित बाकी आदिवासी बहुल अंचलों में भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था।

    दोनों पार्टियां आदिवासी वोटर्स को साधने में जुटी
    प्रदेश प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आदिवासी वोटर्स को साधने के जतन कर रहे हैं। दोनों ही दल एक दूसरे पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप भी लगाते रहे हैं। सत्ता संगठन की ओर से निकाय चुनाव वाले सभी 18 जिलों के प्रभारी मंत्री और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। हाल ही में हुई विधायक दल की बैठक में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन की ओर से सभी प्रभारी मंत्रियों को पहली प्राथमिकता से निकाय चुनाव की चिंता करने की हिदायत दी गई थी।

    Share:

    अपने ऊपर हुए हमले के मामले में कोई कार्रवाई न होने से नाराज केरल के राज्यपाल

    Sun Sep 18 , 2022
    तिरुवनंतपुरम । केरल के राज्यपाल (Kerala Governor) आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) इस बात से नाराज हैं (Upset) कि केरल सरकार (Kerala Government) ने इतिहास सम्मेलन के दौरान (During the History Conference) उन पर हुए हमले के मामले में (In Case of Attack On Himself) कोई कार्रवाई नहीं की (No Action Taken) । वह […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved