तेलंगाना। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तेलंगाना (Telangana) इकाई के अध्यक्ष (President) और सांसद बी संजय कुमार (Sanjay Kumar) को गिरफ्तारी (arrest) के बाद सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत (judicial custody) में जेल (Jail) भेज दिया गया। पुलिस (police) ने इसकी जानकारी दी। हालांकि, पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व (national leadership of the party) ने पुलिस (police) की कार्रवाई को ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करार दिया है। बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कहा कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) के चंद्रशेखर राव हताशा में यह कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को दक्षिणी राज्य में न केवल लोकप्रियता मिल रही है बल्कि हाल में उपचुनाव (by-election) में जीत मिली है इससे राव हताश हो गए हैं।
पुलिस (police) ने बताया कि कुमार को विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार (Arrested) किया गया था जिनमें आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान के अलावा लोक सेवक की ओर से जारी आदेश के उल्लंघन का आरोप है। कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 333 के तहत गिरफ्तार(Arrested)किया गया है, जो गैर-जमानती है और सत्र अदालत में विचाराधीन है। बीजेपी (BJP) नेता को सोमवार की दोपहर को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। करीमनगर से लोकसभा सदस्य कुमार को रविवार की रात उस समय हिरासत में लिया गया, जब उन्होंने राज्य सरकार के आदेश (नंबर 317) के खिलाफ शिक्षकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए ‘जागरण’ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस आदेश से शिक्षकों और अन्य लोगों के तबादलों से उनके हितों को ठेस पहुंची है।
उनकी गिरफ्तारी(Arrested) पर प्रतिक्रिया देते हुए नड्डा ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने कुमार और बीजेपी (BJP) कार्यकर्ताओं के साथ ‘अमानवीय’ व्यवहार किया क्योंकि पुलिस (police) ने उन्हें हिरासत में लेने से पहले पीटा। बीजेपी अध्यक्ष (BJP President)ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।’’ नड्डा ने शिक्षकों की मांगों के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि तेलंगाना बीजेपी प्रमुख कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुये अपने कार्यालय में शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे। इससे पहले, रविवार की रात करीमनगर में कुमार के कैंप कार्यालय में उस समय तनाव व्याप्त हो गया जब बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध के खिलाफ पुलिस जबरन कार्यालय के दरवाजे तोड़कर अंदर घुस गई। पुलिस ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन की अनुमति के लिए कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं किया गया था और पार्टी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिये जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ था। कुमार ने कहा कि यह शांतिपूर्ण विरोध था जिसकी योजना कोविड दिशा निर्देशों के अनुसार आयोजित करने की बनाई गई थी। उन्होंने पूछा कि सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेताओं के कार्यक्रमों में कोविड-19 प्रावधानों का पालन क्यों नहीं किया जाता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved