नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly election) के लिए अभी मतदान (Voting) चल ही रहा है कि भाजपा (Bjp) ने अपना अगला चुनावी मिशन (next election mission) शुरू कर दिया है। पार्टी ने राजस्थान (Rajasthan) में एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राज्यव्यापी जन आक्रोश यात्राओं की शुरुआत की है। इस अभियान का असर गुजरात के दूसरे चरण के मतदान पर भी पड़ सकता है। क्योंकि उत्तर गुजरात का बड़ा हिस्सा राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है।
इससे पहले इस साल की शुरुआत में जब उत्तर प्रदेश समेत पांच विधानसभाओं के चुनाव के लिए मतदान का काम पूरा हुआ ही था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुजरात में अभियान शुरू कर दिया था। दरअसल, भाजपा की रणनीति लगातार काम करने की है। उसके शीर्ष नेता खुद इस मुहिम का हिस्सा रहते हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को जयपुर में राजस्थान के लिए जन आक्रोश यात्राओं की शुरुआत करते हुए 51 रथों को हरी झंडी दिखाई। राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के 200 रथ घूमेंगे और इस दौरान वे 75 हजार किलोमीटर का सफर पूरा करेंगे। सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा लगभग 20 हजार चौपाल और नुक्कड़ सभाएं भी होंगी। इसके अलावा 20 हजार स्थानों पर जनसंपर्क करने की भी योजना है। 14 दिन तक चलने वाले इस जन आक्रोश अभियान में लोगों से सीधा संपर्क किया जाएगा।
राजस्थान के अभियान का एक पहलू यह भी है कि गुजरात के दूसरे चरण के मतदान पर भी इसका असर पड़ सकता है। खासकर उत्तर गुजरात पर, जो कि राजस्थान की सीमा से लगा हुआ क्षेत्र है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण दोनों राज्यों के मुद्दे यहां पर प्रभाव डालते हैं।
गौरतलब है कि पिछले चुनाव में भाजपा को उत्तर गुजरात में कांग्रेस से सीटों में पिछड़ना पड़ा था। अब भाजपा वहां पर कांग्रेस से आगे निकलने की कोशिश में है। हालांकि,गुजरात और राजस्थान की रणनीति में काफी अंतर है। गुजरात में भाजपा बीते लगभग तीन दशक से सत्ता में है, वही राजस्थान में अक्सर सरकारें बदलती रहती हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार बदलने के लिए अपनी तैयारी कर रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved