नई दिल्ली: हरियाणा (Haryana) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) होने वाले हैं. चुनाव आयोग (Election Commission) ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्य की सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा. हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को मतगणना के बाद आएंगे. भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख बदलने की मांग की है.
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कम मतदान के डर से 1 अक्टूबर की मतदान तिथि को बदलने के लिए कहा है. उनका कहना है कि 1 अक्टूबर की मतदान की तारीख से पहले और बाद में कई छुट्टियां हैं, जिस वजह से कम मतदान हो सकता है इसलिए इस तिथि को बदल दिया जाना चाहिए.
मोहन लाल बडोली ने आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि 1 अक्टूबर को मतदान के दिन के आगे और पीछे छुट्टियां पड़ रही हैं. इन छुट्टियों की वजह से लोग बाहर घूमने जा सकते हैं. इसका असर मतदान प्रतिशत पर पड़ सकता है. उन्होंने इस आधार पर निर्वाचन आयोग और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मतदान की तारीख बदलने की गुजारिश की है.
अपनी चिट्ठी में उन्होंने जिक्र किया है कि 28 तारीख को शनिवार और 29 तारीख को रविवार है, 30 को बीच में सोमवार यानी वर्किंग डे है और 1 अक्टूबर मंगलवार को मतदान होगा. जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है तो 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश है. ऐसे में 6 दिन का लंबा वीकेंड होने के कारण लोग छुट्टियों पर जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव के बाद निर्वाचन आयोग ने कहा था कि हमने इन चुनावों से सबक सीखा है कि भीषण गर्मी में चुनाव और सप्ताहांत में मतदान नहीं कराना चाहिए.
हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है, ‘चुनाव घोषित हो चुके हैं और इसकी घोषणा हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गया है. इसका मतलब है कि वे चुनाव को टालना चाहते हैं. वे हार स्वीकार कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग समय पर चुनाव कराए क्योंकि लोग नहीं चाहते कि सरकार एक दिन भी सत्ता में रहे.’
पिछली बार यानी 2019 के विधानसभा चुनाव में एक ही चरण में वोट डाले गए थे. तब हरियाणा विधानसभा की सभी सीटों के लिए 21 अक्टूबर 2019 को वोट डाले गए थे. चुनाव नतीजों का ऐलान 24 अक्टूबर को हुआ था. 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में 68.20 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी 36.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. तब कांग्रेस को 28.2 फीसदी वोट मिले थे और पार्टी 31 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी. दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को 14.9 फीसदी वोट शेयर के साथ 10, हरियाणा लोकहित पार्टी को एक फीसदी से भी कम वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत मिली थी.
सात निर्दलीय और एक अन्य भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे. कोई भी पार्टी बहुमत के लिए जरूरी 46 सदस्यों के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई थी. चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी एक्टिव मोड में आई और जेजेपी, हरियाणा लोकहित पार्टी और निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बना ली थी. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले जेजेपी से गठबंधन तोड़ मनोहरलाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया था.
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