भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बयां की वास्तविक स्थिति
संभागीय संगठन मंत्री ने चावड़ा ने संभाली बात-बोले- हम ही नेगेटिविटी रखेंगे तो बाकी लोग ऐसा बोलेंगे ही
इंदौर। संजीव मालवीय
आमतौर पर जो जनप्रतिनिधि सरकारी मीटिंग (Government Meeting) में अधिकारियों की हां में हां मिलाकर बड़ी-बड़ी बातें करते थे, उन्होंने कल शहर की वास्तविकता बयां कर दी। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (BJP General Secretary Kailash Vijayvargiya) के सामने भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में नगर अध्यक्ष ने तो बीते दिनों की याद करते हुए कह डाला कि ऐसा ही चलता रहा तो जनता हमें माफ नहीं करेगी। इस पर संगठन मंत्री चावड़ा ने बात संभाली और कहा कि अगर हम लोग ही नेगेटिव सोचेंगे तो आम लोग क्या कहेंगे?
कल भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (BJP General Secretary Kailash Vijayvargiya) ने भाजपा कार्यालय ( BJP Office) में बैठक बुलाई, जिसमें सभी जनप्रतिनिधि और भाजपा के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे। केवल मंत्री तुलसी सिलावट (Tulsi Silavat) और उषा ठाकुर भोपाल में रहने के कारण शामिल नहीं हो पाए। बाकी सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला (Ramesh Mendola), आकाश विजयवर्गीय, महेन्द्र हार्डिया, मालिनी गौड़, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, गोपीकृष्ण नेमा, पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे, प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा बैठक में मौजूद रहे। विजयवर्गीय ने सबसे राय ली और पूछा कि शहर को अब कैसे अनलॉक (Unlock) किया जाए और ऐसा क्या किया जाए कि लोगों को तत्काल राहत मिलने लग जाए। हालांकि बैठक में सुझाव कम, कोरोना काल में आई समस्या को लेकर मंथन ज्यादा हुआ। सबकी बात होने के बाद नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे (Gaurav Ranadive) ने अपनी बात रखी और कहा कि हम लोग उस दौर से गुजरे हैं, जिस दौर में लोग चीखते-चिल्लाते रहे और मदद की गुहार लगाते रहे। हमने यथासंभव मदद की। अब फिर ब्लैक फंगस के कारण ऐसा हो रहा है। अगर हम मदद नहीं कर पाए तो जनता हमको माफ नहीं करेगी। अब जो भी निर्णय लें, सोच-समझकर लें। गौरव की बात खत्म होते ही संगठन मंत्री चावड़ा बोल उठे कि हमें नेगेटिविटी से बचना चाहिए और पॉजिटिव बात करनी चाहिए। उन्होंने सभी से कहा कि हमने क्या किया है उसको आम लोगों के बीच बताओ, नहीं बता पाओगे तो आप पर सवाल खड़े होंगे ही। संगठन पर सवाल आएंगे तो सरकार भी कठघरे में खड़ी हो जाएगी। इसलिए इसे छोड़ो और यह देखो कि संकट के समय में हमने क्या किया। बहुत सारी चीजें देश में उपलब्ध कराईं। विदेशों से बात की और ऑक्सीजन की व्यवस्था की। उन्होंने किसी भी नेता का बिना नाम लिए नसीहत दे डाली कि हमें कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करना चाहिए। अगर हम भी ऐसी बात करने लग जाएंगे तो गलत होगा। आखिर में विजयवर्गीय ने कहा कि दोनों मंत्री शहर से बाहर हैं, उनके आने के बाद आप लोग बैठो और ऐसा प्रस्ताव तैयार करो, जिसमें आम लोगों को राहत मिल सके। हालांकि विजयवर्गीय मीटिंग में मात्र 5 मिनट ही बोले। मीटिंग से निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बात भी नहीं की।
जब आवश्यकता थी तब मंडी बंद नहीं की
जिराती ने तो कह डाला कि जब सोशल डिस्टेंंसिंग (Social Distancing) का पालन कराने की जरूरत थी तो मंडियां चालू थीं और वहां भीड़ हो रही थी, लेकिन अब जब कोरोना काबू हो रहा है तो मंडियां बंद कर दी हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि 10 प्रतिशत के ऊपर पॉजिटिविटी रेट था, तब लॉकडाउन नहीं किया और अब 7 प्रतिशत है तो बंद कर दिया।
6 महीने का ब्लूप्रिंट तैयार किया जाए
बैठक में प्रमोद टंडन ने भी अपने विचार रखे और कहा कि आगामी 6 महीने का ब्लूप्रिंट तैयार किया जाए और उसके अनुसार गतिविधियां संचालित की जाएं। वर्मा ने खेती-किसानी से संबधित दुकानें खोलने की बात कही।
इस बार राशन नहीं बांटा तो आई तकलीफ
मोघे ने कहा कि कई लोग इस कफ्र्यू में परेशान हुए। पिछली बार तो उन्हें राशन भी मिल रहा था और निगम भी राशन दे रहा था, लेकिन इस बार उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं हुई। इससे लोगों में रोष भी पनपा।
कंस्ट्रक्शन चालू हो और व्यापार भी शुरू हो
महेन्द्र हार्डिया ने कंस्ट्रक्शन के काम चालू करने का सुझाव दिया, ताकि मजदूरों को अब काम मिल सके। मेंदोला ने कहा कि धीरे-धीरे व्यापार अब शुरू होना चाहिए। मालिनी गौड़ ने भी बड़े बाजार खोलने की बात कही।
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