नई दिल्ली (New Delhi) । लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) के लिए भाजपा (BJP) इस बार मुसलमानों (Muslims) को लेकर भी काफी तैयारी कर रही है। पार्टी का फोकस पसमांदा मुसलमानों पर है। पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा मोदी मित्र अभियान भी चला रहा है। हाल में त्रिपुरा (Tripura) में हुए एक विधानसभा उपचुनाव (assembly by-election) में भी भाजपा के मुसलमान उम्मीदवार को जीत मिली है। संकेत है कि पार्टी लोकसभा चुनाव में भी इस बार ज्यादा मुसलमान उम्मीदवारों को टिकट दे सकती है।
भाजपा के सामने फिलहाल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं। इसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान उसके लिए ज्यादा अहम हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो किसी मुसलमान उम्मीदवार को टिकट दिए जाने की संभावना नहीं है, लेकिन राजस्थान में वह कुछ मुसलमान उम्मीदवार उतार सकती है। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने हाल में 40 मुस्लिम प्रभाव वाली सीटों का अध्ययन कराया, जिसमें से 15 सीटों पर वह अच्छी स्थिति में मानी जा रही है। इनमें से दो से तीन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जाने की चर्चा है। पार्टी ने पिछली बार एक मुसलमान उम्मीदवार खड़ा किया था, जो कांग्रेस नेता सचिन पायलट के खिलाफ लड़ा था।
इसके पहले वर्ष 2013 में चार मुसलमान उम्मीदवार उतरे थे और दो जीते भी थे। लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी ने मुसलमानों के पिछड़े तबके यानी पसमांदा को लक्ष्य कर रखा है। एक साल पहले हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए पार्टी को काम करने को कहा था। इसके बाद पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने मोदी मित्र नाम से मुसलमानों के बीच अभियान भी शुरू किया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा मुसलमान उम्मीदवारों को टिकट दे सकती है।
उम्मीदवारों का प्रदर्शन
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में छह मुसलमान उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी नहीं जीता था। 2014 में सात मुसलमान उम्मीदवार खड़े किए थे और सभी हार गए। 2009 में भाजपा ने चार मुसलमान उम्मीदवार उतारे थे और एक शाहनवाज हुसैन ही चुनाव जीत सके थे। हालांकि हाल में भाजपा को मुसलमानों का समर्थन मिलता दिखा है। त्रिपुरा में बीते दिनों हुए एक विधानसभा उप चुनाव में भाजपा का एक मुसलमान उम्मीदवार जीता है। भाजपा ने यह सीट माकपा से छीनी है। इसके पहले उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा ने 395 मुसलमान उम्मीदवार उतारे और लगभग 45 जीते भी। इसे भाजपा काफी सकारात्मक मान रही है।
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