नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) इस समय अपने सबसे स्वर्णिम दौर में है। हाल ही में पार्टी ने अपना 42वां स्थापना दिवस (42nd Foundation Day) है। इसी कड़ी में अब पार्टी ने फैसला किया है कि वह देश के बाहर अपनी पहुंच बढ़ाएगी और आने वाले महीनों में पार्टी 150 से अधिक देशों के राजदूतों (ambassadors) से जुड़ने की योजना बना रही है। इसके लिए भाजपा ने बकायदा प्लान भी तैयार किया हुआ है। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए भाजपा के विदेश मामलों का विभाग सक्रिय हो चुका है।
दरअसल, भाजपा के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख डॉ विजय चौथाईवाले के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी ने राजदूतों को 8-9 समूहों में विभाजित किया है, प्रत्येक समूह में लगभग 10-15 राजदूत हैं। इन्हें अफ्रीकी, पूर्वी एशियाई, खाड़ी, राष्ट्रमंडल और उत्तरी अमेरिकी देशों सहित समूहों में विभाजित किया गया है।
विजय चौथाईवाले ने बताया कि दुनिया को यह बताने का प्रयास है कि जनसंघ के युग से लेकर भाजपा के गठन तक भाजपा का क्या मतलब है। एक राष्ट्र के बारे में अपने विचार, अपनी विचारधारा और मार्गदर्शक सिद्धांत के साथ हम कौन सी सामाजिक गतिविधियां करते हैं, यह बताने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें 6 अप्रैल को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और इसे आगे बढ़ाते हुए हम आने वाले समय में 150 से अधिक राजदूतों के साथ बातचीत करना चाहते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भाजपा एक अलग पार्टी है और पार्टी के उत्थान और इस महान राष्ट्र के निर्माण में इसके योगदान के बारे में सभी को बताने की जरूरत है। आखिर हम दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी हैं। हम एक ऐसी पार्टी हैं जिसके पास चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में मौजूद सदस्यों की संख्या लगभग दोगुनी है।
इससे पहले 6 अप्रैल, 2022 को भारतीय जनता पार्टी के 42 वें स्थापना दिवस के अवसर पर भाजपा ने एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में आए 15 राजदूतों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बातचीत की और पार्टी और उसकी विचारधारा के बारे में चर्चा की। बातचीत के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजदूतों को बताया कि भाजपा सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांतों के साथ काम किया।
रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम के जरिए सिंगापुर के राजदूत यह देखना चाहते थे कि क्या वे भारत के ग्रामीण हिस्से में केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत कर सकते हैं। इसके लिए भाजपा जल्द ही अलग से एक दौरे का आयोजन करेगी। बता दें कि नवंबर 2014 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी का एक नया विदेश मामलों का विभाग शुरू किया था, तभी से विजय चौथाईवाले इसके प्रमुख हैं।
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