इन्दौर। विधानसभा चुनाव में अभी 18 महीने बचे हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी अभी से ही शुरू कर दी है। चूंकि दोनों ही दलों के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण होंगे, इसलिए अभी से कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहते हैं। भाजपा संगठन अब अपने ही विधायकों के कामों का आकलन एक सर्वे के माध्यम से करवाने जा रहा है, जिससे विधानसभा चुनाव के टिकट तय किए जाएंगे।
सर्वे एक निजी सर्वे एजेंसी द्वारा किया जाना है। हालांकि चुनाव के पहले भाजपा संगठन इस प्रकार के सर्वे गुपचुप करवाते रहता है। संगठन को रिपोर्ट मिलने के बाद उसका कितना पालन किया जाता है, यह तो भाजपा के कर्ताधर्ता ही जानते हैं, लेकिन अब 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के 18 महीने पहले ही भाजपा संगठन सर्वे करवाने जा रहा है।
भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक संगठन ने इसके लिए एक निजी सर्वे एजेंसी से बात भी कर ली है और इसी एजेंसी के मार्फत सभी जिलों में सर्वे का काम जल्द शुरू होने वाला है। चंूकि अभी बूथ विस्तारक और समर्पण निधि का कार्यक्रम जिलों में चल रहा है और छोटे से कार्यकर्ता से लेकर नेता और मंत्री इसमें लगे हैं, इसलिए इसके निपटने के बाद सर्वे शुरू हो जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि सर्वे में विधायकों के कामों का आकलन, उनका आम लोगों से व्यवहार, जनता में उनकी छवि, सरकार की योजनाओं का कितना फायदा लोगों को दिलवाया तथा संगठन में उनकी क्या भूमिका रही है, जैसे बिंदु शामिल किए जाएंगे।
यही नहीं विधायक का अपने कार्यकर्ताओं से व्यवहार भी देखा जाएगा। इसके बाद हर विधानसभा के विधायकों का रिपोर्ट बनाकर संगठन को पेश किया जाएगा। संगठन के नेताओं का कहना है कि इसी को आधार बनाकर 2023 में टिकटों का बंटवारा किया जाएगा। सर्वे इस तरह किया जाएगा कि इसकी भनक न तो स्थानीय संगठन के कर्ताधर्ताओं को होगी और न ही संबंधित विधायक को।
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