रामेश्वर धाकड़
भोपाल। प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रारंभिक रणनीति पर गहन मंथन हो चुका है। इसके बाद से भाजपा में अलग-अलग बैठकों का दौर जारी है। जिसमें मंत्रियों के कमराबंद बैठक से लेकर संगठन पदाधिकारी की गोपनीय बैठक भी हुईं। जिसमें संगठन के कार्यक्रमों से लेकर संगठन में चुनावी दृष्टि से सौंपे जाने वाले नए दायित्वों पर भी चर्चा हुई है। साथ ही संगठन के जिन पदाधिकारियों को चुनाव मैदान में उतारना है, उन्हें संगठन के दायित्वों से भी मुक्त करने पर भी विचार हुआ है। प्रदेश भाजपा संगठन अगले महीने से कार्यसमिति में लिए गए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष फैसलों पर काम करना शुरू कर देगा। संगठन सूत्रों ने बताया कि कुछ ऐसे पदाधिकारियों को भी वापस लाया जा सकता है, जो संगठन में हासिए पर चले गए थे। ऐसे नेताओं को चिह्नित कर पार्टी उनके गांव-घर तक भी पहुंचेगी। इसके पीछे संगठन की मंशा नेताओं के अनुभवों का चुनाव में पार्टी के लिए लाभ उठाना है। इसी तरह कुछ पदाधिकारियों को गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर किनारे किया जा सकता है या फिर दायित्व बदले जा सकते हैं। जिनमें प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर मोर्चा, प्रकोष्ठ समेत अन्य विभाग भी शामिल हैं। संगठन सूत्रों के अनुसार इनमें ज्यादातर पदाधिकारी वे हैं, जो संगठन के सामने चुनाव लडऩ़े की इच्छा जाहिर कर चुके हैं या फिर संगठन उन्हें चुनाव में उतारने पर विचार कर रहा है। भाजपा में बेशक चुनाव से पहले टिकट चयन की पूरी प्रक्रिया अपनाई जाती है, लेकिन किसे चुनाव लडऩा या अथवा लडऩा है, उसकी जमावट अभी से शुरू हो गई है।
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