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    संगठन एप के रडार पर भाजपाई

    November 06, 2022

    • पार्टी पदाधिकारियों की गतिविधियों की हो रही ऑनलाइन मॉनीटरिंग

    भोपाल। मिशन 2023 के दौरान भाजपा के हर पदाधिकारी की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। अब भाजपा के नेता बैठकों में खानापूर्ति नहीं कर ससकेंगे। क्योंकि संगठन एप 2.0 के जरिए बैठकों की निगरानी रखी जा रही है। कौन नेता आज क्या करेगा, क्या-क्या काम किया इसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा रही है। यानी पार्टी का हर नेता संगठन एप के रडार पर है। गौरतलब है की पार्टी को धरातल पर मजबूती प्रदान करने के लिए भाजपा ने संगठन एप 2.0 जारी किया है। धार के मांडू में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संगठन एप 2.0 लॉन्च किया। बूथ स्तर तक की विस्तार से जानकारी संगठन एप 2.0 में हो रही है। दरअसल, 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तैयारी में भाजपा ने तेज कर दिया है। चुनाव में जीत के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती। संगठन एप 2.0 में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर, जिलाध्यक्ष और बूथ स्तर कार्यकर्ताओं को प्रवास और बैठकों की जानकारी रियल टाइम पर रिपोर्ट करनी पड़ रही है। बैठकों और प्रवास की फोटो लोकेशन, जियो टैगिंग भी फीड करना पड़ रहा है।

    आनलाइन देनी पड़ रही है जानकारी
    भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों समेत मोर्चा अध्यक्षों और अन्य जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं के काम की अब प्रदेश संगठन सख्त मानीटरिंग करेगा। वे अपने प्रभार के जिलों में रहे हैं या नहीं और अगर जा रहे हैं तो उन्होंने वहां क्या किया। इसकी जानकारी उन्हें प्रदेश संगठन को मौके से ही आनलाइन देनी होगी। ऐसा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सक्रियता और काम की प्रामाणिकता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। प्रदेश संगठन देश में पहली बार इस तरह का प्रयोग कर रहा है। भाजपा को अपने कुछ पदाधिकारियों और मोर्चा प्रमुखों को लेकर जानकारी मिली थी कि वे मैदान में उतने सक्रिय नहीं है जितना चुनाव के समय होना चाहिए। इनकी सक्रियता परखने के लिए भाजपा ने संगठन एप लांच किया है।

    ऐसे काम करेगा संगठन ऐप 2.0
    भाजपा का संगठन 2.0 ऐप मांडू में प्रशिक्षण वर्ग के दौरान लॉन्च किया गया था। इस ऐप को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि इसे पदाधिकारी अपने मोबाइल ऐप पर डाउनलोड कर पाएंगे। उदाहरण के लिए ग्वालियर के किसी पदाधिकारी को अगर झाबुआ में प्रवास का जिम्मा सौंपा गया है तो झाबुआ पहुंचकर उस पदाधिकारी को ऐप से रिपोर्ट करनी होगी। ये रिपोर्टिंग टेक्स्ट और फोटो के जरिए होगी। खास बात ये है कि ऐप में फोटो गैलरी से कोई फोटो अपलोड नहीं कर पाएंगे। केवल रियल टाइम यानि नये फोटो ही अपलोड हो पाएंगे। इसलिए कोई पदाधिकारी मौके पर पहुंचे बिना रिपोर्ट नहीं कर पाएगा। बैठकों और रैलियों के लिए भी ऐसा ही सिस्टम होगा।


    मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग
    संगठन ऐप 2.0 में अपलोड की गई जानकारी की मॉनिटरिंग सीधे पार्टी मुख्यालय करेगा। किस पदाधिकारी ने कितने दौरे किए इसकी रिपोर्ट भोपाल में तैयार होगी। एप की मॉनिटरिंग भोपाल के साथ साथ दिल्ली मुख्यालय तक भी हो सकेगी। इसका एक फायदा ये भी होगा कि किसी कार्यकर्ता को अपने काम के लिए किसी बड़े नेता की सिफारिश की जरुरत नहीं होगी। अगर कोई पदाधिकारी काम में लापरवाही बरत रहा है तो फिर संगठन स्तर पर एक्शन भी उसी अंदाज में होगा।

    वरिष्ठ नेता कर रहे मानीटरिंग
    इस एप में भाजपा के सभी प्रदेश पदाधिकारियों, सात प्रमुख मोर्चा के अध्यक्ष और प्रकोष्ठों के संयोजकों को जोड़ा गया है। इसके साथ ही एप में क्षेत्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद को जोड़ा गया है। मानीटरिंग का काम यही वरिष्ठ नेता करेंगे। गौरतलब है कि भाजपा ने अपने सभी प्रदेश पदाधिकारियों को दो से तीन जिलों का प्रभार दे रखा है। इसके अलावा मोर्चा और प्रकोष्ठ के प्रमुखों को भी काम आवंटित है। ये पदाधिकारी किस तरह का काम कर रहे हैं अब इसकी मानीटरिंग करने का तय किया गया है। प्रदेश संगठन के आइटी सेल ने संगठन एप तैयार किया है। इस एप से जुड़े पदाधिकारियों के लिए अपने दौरे और काम का डिटेल एप पर डालना अनिवार्य किया गया है। पदाधिकारी और मोर्चा, प्रकोष्ठ प्रमुख जिस जिले या मंडल में दौरे पर जाएंगे। वहां कितनी बैठकें ली और इसमें कितने लोग थे। किन मुद्दों पर बात की। जैसी जानकारी वहीं से प्राप पर डालनी होगी। बैठक की वहीं से लाइव फोटो भी डालनी होगी। पदाधिकारियों से साफ कहा गया है कि गैलरी की फोटो, या फाइल फोटो नहीं चलेगी। संगठन एप जैसे ही यह फोटो डलेगी। प्रदेश संगठन के शीर्ष नेताओं को पर यह दिख जाएगी। वे जरूरत पडऩे पर बैठक के दौरान ही इन नेताओं से जुड़कर उन्हें आवश्यक निर्देश भी दे सकेंगे। इसके अलावा प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा और प्रकोष्ठ प्रमुखों को अपने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी भी एप पर अपलोड करनी होगी। इनकी सक्रियता नापने के बाद प्रदेश संगठन कुछ पदाधिकारियों के काम में बदलाव भी कर सकता है।

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