- दमोह हार से लिया सबक… पहली बार उम्मीदवारों की घोषणा से पहले चुनाव प्रभारियों की कर दी नियुुक्ति… खंडवा के लिए मोघे भी दौड़ में
इंदौर। प्रदेश में चार उपचुनाव होना है, जिसके चलते भाजपा किसी भी तरह की जोखिम नहीं लेना चाहती है। खासकर दमोह उपचुनाव हारने के बाद दूध की जली भाजपा छाछ भी फूंक-फूंककर पीना चाहती है और यही कारण है कि पहली बार सत्ता-संगठन को इन उपचुनावों में इस तरह झोंका जा रहा है और उम्मीदवारों की घोषणा से पहले चुनाव प्रभारियों की नियुक्तियां कर डाली, जिसमें मंत्रियों के साथ-सांथ सांसदों-विधायकों को जिम्मा सौंपा गया है। खंडवा लोकसभा के लिए इंदौर के वरिष्ठ भाजपा नेता मोघे भी दावेदारों की दौड़ में शामिल हैं।
कल प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हुए, जिसमें उपचुनावों की रणनीति बनाने और जिम्मेदारियां भी सौंपी गई। खंडवा लोकसभा के साथ-साथ पृथ्वीपुर, रेगांव और जोबट विधानसभा के उपचुनाव होना है। दमोह उपचुनाव हारने के बाद अब भाजपा का सत्ता और संगठन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है। यही कारण है कि मंत्रियों से लेकर सांसद-विधायकों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। खंडवा लोकसभा के लिए भी विधानसभा के क्षेत्रवार दायित्व सौंपे गए हैं, जिसमें मंत्री तुलसीराम सिलावट को नेपा नगर विधानसभा, तो बुरहानपुर विधानसभा के लिए वरिष्ठ इंदौरी नेता गोपीकृष्ण नेमा, वहीं भीकनगांव विधानसभा के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती और जोबट विधानसभा के लिए विधानसभा 2 के रमेश मेंदोला और पंधाना विधानसभा क्षेत्र के लिए सांसद शंकर लालवानी भी इस टीम में शामिल किए गए हैं। वहीं बागली विधानसभा क्षेत्र के लिए महू की विधायक और मंत्री सुश्री उषा ठाकुर को जिम्मेदारी दी गई है। इंदौर से जुड़े इन भाजपा के मंत्री-जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों के नेताओं को भी इन उपचुनावों की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन उपचुनावों में भाजपा किसी भी तरह की जोखिम नहीं लेना चाहती। इसलिए यह पहला मौका है कि जब उम्मीदवारी की घोषणा से पहले संगठन ने चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी।