नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (bjp president jp nadda) का आज राजस्थान दौरा शुरू हो रहा है । दरअसल, पिछले एक महीने में दूसरी बार नड्डा राजस्थान (Rajasthan) पहुंच रहे हैं. हाल में गंगानगर और हनुमानगढ़ में नड्डा बीजेपी के कई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे.
अधिकारिक तौर पर पार्टी से मिली जानकारी के अनुसार जेपी नड्डा की अध्यक्षता में 19 से 21 मई तक बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकरियों की एक बैठक (bjp meeting) होने जा रही है. माना जा रहा है कि राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर खींचतान पर विराम भी लग सकता है.
उधर, भाजपा में राजनीतिक आपसी विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा, बैठक से पहले वसुंधरा (vasundhara raje) विरोधी खेमा सक्रिय हो गया है और राजे को नड्डा के सामने घेरने की रणनीति तैयार की जा चुकी है. वसुंधरा राजे के विरोधी कहे जाने वाले प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जेपी नड्डा के स्वागत कार्यक्रम से वसुंधरा समर्थकों और विधायकों को दूर कर दिया है जिसके बाद माना जा रहा है कि वसुंधरा समर्थक नड्डा के सामने शक्ति प्रदर्शन नहीं दिखा पाएंगे.
मिली जानकारी के मुताबिक पूनिया ने जेपी नड्डा के स्वागत कार्यक्रम के लिए जयपुर में विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, नरपत सिंह राजवी और पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत और कैलाश वर्मा को जयपुर एयरपोर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि यह सभी विधायक राजे खेमे से आते हैं.
तय कार्यक्रम के अनुसार जेपी नड्डा जयपुर में 19 से लेकर 21 मई तक राष्ट्रीय पदाधिकारियों और संगठन महामंत्रियों की एक बैठक को संबोधित करेंगे जिसमें पीएम मोदी भी वर्चुअली शामिल हो सकते हैं. बैठक के जरिए राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव और साल 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा की जाएगी. वहीं बैठक से राजस्थान के लिए भी चिंतन हो सकता है. नड्डा के स्वागत के लिए बीजेपी ने जयपुर एयरपोर्ट से लेकर दिल्ली रोड आमेर होटल लीला तक करीब 5 जगह भव्य स्वागत की तैयारी की है. वहीं स्वागत के लिए एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक 75 स्वागत गेट लगवाए गए हैं.
गौरतलब है कि राजस्थान में चुनावों से पहले काफी लंबे समय से बीजेपी के अंदर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खींचतान बनी हुई है जो लगातार बढ़ती जा रही है. वसुंधरा विरोधी खेमा लगातार सीएम फेस का नाम घोषित नहीं करने की मांग कर रहा है और सतीश पूनिया काफी बार कह चुके हैं कि इस बार का विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा.
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