नई दिल्ली (New Delhi) । भाजपा सांसद धरमबीर सिंह (BJP MP Dharambir Singh) ने सरकार (Government) से मांग की है कि लिव-इन रिलेशनशिप (live-in relationship) के खिलाफ संसद में कड़ा कानून बनाया जाए। शून्यकाल के दौरान उन्होंने कहा था लव मैरिज में तलाक की संख्या ज्यादा होती है। वहीं लिव-इन रिलेशनशिप एक खतरनाक बीमारी की तरह है जो कि समाज में तेजी से फैल रही है। उन्होंने कहा था कि संस्कृति की रक्षा के लिए इसपर रोक लगाने की जरूरत है। धरमबीर सिंह हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद हैं। हालांकि वह हमेशा से भाजपा में नहीं थे। वह लंबे समय से कांग्रेस नेता थे और कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रह चुके हैं।
चार पर पहुंचे विधानसभा
लोकसभा पहुंचने से पहले धरमबीर सिंह चार बार हरियाणा विधानसभा भी पहुंच चुके हैं। तीन बार उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी। राज्य के प्रिसद्ध नेताओं में से एक पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की तीन पीढ़ियों को उन्होंने विधानसभा चुनाव में हराया। उन्होंने 1987 में तोशम सीट पर लोक दल के टिकट पर बंसी लाल को हराया था। इसके बाद उनके बेटे सुरेंद्र सिंह को उसी सीट से साल 2000 में हराया। उस समय धरमबीर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को हराया।
धरमबीर आज भले ही हर जगह भगवा कुर्ते में नजर आते हैं लेकिन वह कभी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विश्वसनीय हुआ करते थे। कांग्रेस के बड़े नेताओं में उनकी पहचान थी। हरियाणा में राव इंद्रजीत और विनोद शर्मा के बाद उनका कांग्रेस में कद हुआ करता था। हालांकि 2014 में वह कांग्रेस से अलग हुए और फिर भाजपा का दामन थाम लिया। जब 2005 में पहली बार हुड्डा मुख्यमंत्री बने थे तब उन्हें चीफ पार्ल्यामेंट सेक्रेटरी बनाया गया थ। 2009 के विधानसभा चुनाव में वह सोहना सीट से मैदान में उतरे। इसके बाद फिर से उन्हें चीफा पार्ल्यामेंट्री सेक्रेटरी बनाया गया।
जब 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की बात की तो कांग्रेस ने टिकट ही नहीं दिया। धर्मबीर सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। भिवानी और आसपास के इलाकों में लोकप्रियता की वजह से उन्होंने बड़ी जीत हासिल की।
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