नई दिल्ली: बीजेपी के सांसद बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष चुने गए हैं. संजय सिंह का मुकाबला राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण से था. इन्हें प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन हासिल था.
संजय सिंह 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष बने थे. 2009 में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ बना तो बृजभूषण शरण सिंह प्रदेश अध्यक्ष और संजय सिंह उपाध्यक्ष बने थे.
चुनाव जीतने के बाद संजय सिंह ने कहा कि अब राष्ट्रीय शिविर (कुश्ती के लिए) आयोजित किए जाएंगे. जो पहलवान राजनीति करना चाहते हैं वे राजनीति कर सकते हैं, जो कुश्ती करना चाहते हैं वे कुश्ती करेंगे.
वहीं बृजभूषण सिंह के दामाद विशाल सिंह ने रिजल्ट के बाद कहा कि हमारे पूरे पैनल ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कहा, ”हमारे सभी पैनल की जीत हुई है. सभी अच्छे बहुमत से जीते हैं. गिनती चल रही है तो अधिकारिक नंबर जल्द ही आ जाएंगे. पिछले कुछ दिनों में कुश्ती को नुकसान हुआ. हमारे खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन कर सकते थे, लेकिन जो भी पिछले कुछ दिनों में हुआ उसका नुकसान हुआ है.”
संजय सिंह की जीत पर बृजभूषण शरण सिंह के आवास पर पटाखे फोड़ने शुरू कर दिए गए हैं. आज सुबह ही संजय सिंह की जीत का भरोसा जताते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा था, ”11 महीने बाद चुनाव हो रहे हैं. जहां तक संजय का सवाल है तो उन्हें पुराने महासंघ का प्रतिनिधि माना जा सकता है. संजय सिंह का चुनाव जीतना तय है.”
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसको लेकर काफी विवाद हुआ. ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक, विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया.
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी प्रदर्शनकारी खिलाड़ी मिले थे और इसके बाद मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर की थी.
डब्ल्यूएफआई में चुनाव की प्रक्रिया जुलाई में ही शुरू हो गई थी, लेकिन कोर्ट में मामला जाने के कारण इसमें देरी हुई, सुप्रीम कोर्ट ने हाल में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की चुनावों पर लगाई रोक को खारिज कर दिया जिससे इलेक्शन का रास्ता साफ हुआ.
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