भोपाल। प्रदेश में कोरोनो संक्रमण के चलते एक बार फिर विधानसभा का सत्र स्थगित हो गया है। सत्र आज से शुरू होने वाला था। इस वजह से सभी दलों के विधायक भोपाल आ चुके हैं। कांग्रेस विधायक जहां कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने राजधानी की सड़कों पर उतरे हैं। वहीं भाजपा विधायकों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वन-टू-वन चर्चा करने जा रहे हैं। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री विधायकों को अगले तीन महीने का टारगेट देंगे। जिसमें निकाय चुनाव की जमावट से लेकर राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का कार्य भी है। विधायक अपने क्षेत्र में ढोल-नगाड़ों के साथ जनता के बीच धन संग्रह के लिए जाएंगे। इस कार्य में पूरी पार्टी उतरेगी। मुख्यमंत्री आज शाम को कुछ मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। इस वजह से उन्होंने मंत्रियों को भी दो दिन तक भोपाल में रोक रखा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार शाम को निवास पर हुई दल की बैठक में यह ऐलान कर चुके हैं कि आने वाले दिनों में राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का काम होना है। सभी विधायक यह प्रयास करें कि हर व्यक्ति का कम से कम 10 रुपए मंदिर निर्माण में लगे। निकाय चुनाव में जिताने की जिम्मेदारी भी विधायकों की ही रहेगी। जिन क्षेत्रों में भाजपा के विधायक नहीं है, वहां पूर्व प्रत्याशी को ही यह जिम्मेदारी मिलेगी।
धन संग्रह के बहाने बड़े उत्सव की तैयारी
भाजपा ने राम मंदिर धन संग्रह के बहाने प्रदेश में बड़े उत्सव की तैयारी हैं। संघ एवं भाजपा से जुड़े एक बड़े पदाधिकारी ने बताया कि संघ के स्वयं सेवक भी इस काम में जुटेंगे। भाजपा भी बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं को इस काम में उतारेगी। ब्लॉक स्तर पर धन संग्रह के बड़े कार्यक्रम होंगे। जिनमें बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे और धन देंगे। विधायक अपने क्षेत्र के प्रभारी होंगे। पार्टी जिलाध्यक्ष का प्रभारी होगा। ये सभी संभागीय संगठन मंत्रियों के निर्देशन में काम करेंगे। प्रदेश संगठन महामंत्री राम मंदिर धन संग्रह के उत्सव को लीड करेंगे।
चुनाव में फायदा लेने की तैयारी
प्रदेश में पूरी चुनावी तैयारी के बावजूद भी निकाय चुनाव कोरोना संक्रमण की आड़ में तीन महीने के लिए टाल दिए हैं। अब भाजपा इन तीन महीनों के दौरान राम मंदिर धन संग्रह के जरिए प्रदेश भर में हर गांव एवं शहरों उत्सव करेगी। पार्टी हर घर तक पहुंचेगी। धन संग्रह के बहाने भाजपा अपनी सियासी जड़े और गहरी करेगी। जिसका फायदा वह निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लेगी। सूत्र बताते हैं कि चुनाव टलने का फायदा सीधे तौर पर भाजपा
को होगा।
मठ-मंदिर, साधु-संत भी जुटेंगे
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राम मंदिर धन संग्रह को लेकर पिछले दिनों भाजपा और संघ पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें भाजपा के साथ-साथ मप्र सरकार के धर्मस्व एवं आध्यात्म विभाग से भी सहयोग की मांग की गई थी। बैठक में प्रदेश की धर्मस्व एवं आध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर भी मौजूद रहीं थीं। हालांकि धर्मस्व विभाग सीधे तौर पर इसमें भागीदारी नहीं करेगी। धन संग्रह में मठ-मंदिरों के पुजारी, साधु-संत भी जुटेंगे।
निकाय चुनाव से पहले होगा धन संग्रह
भाजपा अगले कुछ दिनों के भीतर धन संग्रह की पूरी रणनीति तैयार कर लेगी। जिसमें प्रदेश को संघ के प्रांत के अनुसार ग्वालियर-चंबल, मध्य भारत, महाकौशल, विध्ंय, मालवा-निमाड़ में विभाजित किया जाएगा। यह कार्य अगले निकाय चुनाव से पहले पूरा कर लिया जाएगा। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम के पीछे संघ पदाधिकारी भी रहेंगे, लेकिन भाजपा नेता फ्रंट लाइन में रहेंगे।
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