बेंगलुरू । भाजपा विधायक (BJP MLA) मदल विरुपक्षप्पा (Madal Virupakshappa) ने लोकायुक्त ट्रैप मामले में (In Lokayukta Trap Case) गिरफ्तारी से राहत के लिए (For Relief from Arrest) सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय में (In Karnataka High Court) जमानत याचिका दायर की (Filed Bail Plea) । विधायक के वकील संदीप ने कोर्ट से आपात स्थिति के आधार पर मामले की सुनवाई करने का अनुरोध किया। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस के. नटराजन की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई मंगलवार (7 मार्च) तक के लिए टाल दी। सूत्रों ने कहा कि अगर अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी, तो भाजपा विधायक विरुपक्षप्पा की गिरफ्तारी हो सकती है।
लोकायुक्त ट्रैप मामले में विधायक मदल विरुपाक्षप्पा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उनके बेटे, प्रशांत मदल, एक सरकारी अधिकारी, को 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। प्रसिद्ध ‘मैसूर सैंडल साबुन’ बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) को कच्चे माल की आपूर्ति के लिए निविदा की खरीद के लिए कथित तौर पर रिश्वत प्राप्त हुई थी। भाजपा विधायक विरुपक्षप्पा केएसडीएल के अध्यक्ष थे। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। अधिकारियों ने आरोपी भाजपा विधायक मदल विरुपाक्षप्पा और प्रशांत मदल के आवासों से 8.12 करोड़ रुपये और 1.6 किलोग्राम सोना जब्त किया था।
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर बंद का आह्वान किया है और सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोला है। विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने कहा कि ट्रैप मामले ने निविदाओं में 40 प्रतिशत कमीशन के उनके आरोपों और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों को पुख्ता सबूत प्रदान किया है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ बीजेपी ने यह कहते हुए स्थिति का बचाव करने की कोशिश की कि उनकी सरकार के तहत ही लोकायुक्त ने काम करना शुरू किया और कांग्रेस ने अपने घोटालों को कवर करने के लिए इसे बंद कर दिया था ।
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