भोपाल। खंडवा से चौथी बार भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा अपनी जाति को लेकर उलझ गए हैं। उन पर आरोप है कि वे जाट समुदाय से हैं, लेकिन सिलावट जाति का एससी सर्टिफिकेट फर्जी तरीक से बनवाया और चुनाव लड़ा। फर्जी सर्टिफिकेट मामले में कांग्रेस नेता की पिटीशन पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन व आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास विभाग को 90 दिन में शिकायत का निराकरण के लिए कहा है।
शिकायत पर जांच नहीं हुई तो हाईकोर्ट गए
शिकायतकर्ता कुंदन मालवीय ने जाति प्रमाण-पत्र को लेकर आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग से मय दस्तावेजों के साथ जनवरी 2021 में शिकायत की थी। ऐसे मामलों में 6 माह के भीतर निर्णय लेना होता है, लेकिन सालभर में शिकायत पर जांच तक नहीं की। इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की गई। जिस पर 24 जनवरी को सुनवाई हुई। न्यायाधीश विशाल धगत ने सरकार को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के आरोप गंभीर है। दस्तावेजों की जांच कर 90 दिन के भीतर शिकायत का निराकरण करें।
पिता किशोरीलाल ने शिक्षामंत्री रहते फर्जीवाड़ा किया
शिकायत में बताया गया कि विधायक देवेंद्र वर्मा के पिता किशोरीलाल वर्मा पंधाना से विधायक होकर शिक्षा मंत्री रहे हैं। इसके पहले वह शासकीय सेवक (शिक्षक) थे। उन्होंने सर्विस बुक में जाट जाति का उल्लेख किया है। राजनीति में आने के बाद संतानों के दस्तावेज सिलावट जाति के बनवाए। इसी तरह उनके पूवर्जों की संपत्ति (जमीन-जायदाद) में भी ‘जाटÓ होने का जिक्र है।
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