पणजी । गोवा (Goa) की 40 सदस्यीय विधानसभा (Goa Assembly election 2022) में 20 सीटें जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) अब सरकार गठन की तैयारी में जुट गई है. पार्टी यहां बहुमत के आंकड़े से महज एक कदम पीछे है. इस बीच गोवा में बीजेपी के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ने बताया है कि गोवा में सरकार का आगामी स्वरूप क्या होगा. उनके मुताबिक, बीजेपी सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दलों और निर्दलीयों का समर्थन लेगी.
देवेंद्र फडनवीस ने बताया कि गोवा में बीजेपी 20+3+2 के फॉर्मूले से सरकार बनाने जा रही है. इसमें महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (MGP) के 2 विधायक और 3 निर्दलीय शामिल हैं. फडणवीस का दावा है कि इनके समर्थन पत्र भी उसे मिल गए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि कई और उम्मीदवार भी बीजेपी का समर्थन करने के लिए आगे आएंगे. फडणवीस ने बताया कि सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए उन्होंने राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई से मुलाकात का समय मांगा है.
एमजीपी पहले भी बीजेपी की सहयोगी रही है. हालांकि इस चुनाव में उसने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की घोषणा की थी. ये अलग बात है कि तृणमूल कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई है. बीजेपी ने चुनाव बाद के समीकरणों को देखते हुए एमजीपी को मनाने की कोशिशें पहले ही शुरू कर दी थीं. पार्टी का दावा था कि इस कोशिश में उसे सकारात्मक संकेत मिले थे.
गोवा विधानसभा के गुरूवार को आए नतीजों में बीजेपी के बाद कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उसे 11 सीटें हासिल हुई हैं. एमजीपी को 2 और 3 निर्दलीयों के अलावा पहली बार गोवा विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी 2 सीटें जीतने में कामयाब रही है. गोवा फॉरवर्ड पार्टी और रिवॉल्यूशनरी गोअन पार्टी को एक-एक सीटें हासिल हुई हैं. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी सांकेलिम से जीत गए हैं. हालांकि जीत का अंदर महज 666 ही रहा है.
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने पणजी सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले उत्पल पर्रिकर की हार को लेकर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पणजी में अतनासियो मोनसेरेट की जीत से खुश हूं लेकिन उत्पल की हार से मुझे खुशी नहीं हुई. इसकी वजह बताते हुए फडणवीस ने कहा कि पर्रिकर परिवार को मैं अपना मानता हूं. दरअसल उत्पल बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर के बेटे हैं. वह पणजी से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने पणजी के बजाय कहीं और से लड़ने का विकल्प दिया. इससे नाराज होकर उत्पल निर्दलीय ही मैदान में कूद गए. लेकिन 716 वोटों से पीछे रह गए. यहां पर अतनासियो को 6,787 वोट मिले, जबकि उत्पल 6,071 वोट ले पाए.
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