कांग्रेस सरकार ने चंबल की माटी का अपमान किया
उन्होंने कहा कि 2018 में कांग्रेस की सरकार ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बलबूते पर बनी थी। क्षेत्र की जनता ने भरपूर साथ दिया था। 70 साल के इतिहास में पहली बार कांग्रेस को इस क्षेत्र में 18 से ज्यादा सीटें मिली थी। आपने 34 में से 26 सीटें कांग्रेस को दी थीं। यदि तीन चार सीटें भी कम होतीं तो कमलनाथ मुख्यमंत्री नहीं होते। फिर शिवराजसिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री होते। लेकिन कांग्रेस की उस सरकार ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का अपमान किया, इस चंबल की माटी का अपमान किया। इस अपमान का बदला चंबल की जनता तीन नवम्बर को लेगी।
कांग्रेस की सरकार ने भ्रष्टाचार और तबादला उद्योग शुरू कर दिया
सिंधिया ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो हम सभी की अभिलाषा थी कि क्षेत्र में प्रगति और विकास आएगा और यह सरकार विकास की जो लकीर शिवराज सरकार ने खींची थी, उससे भी लंबी लकीर खींचेगी। लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी ने भ्रष्टाचार की लकीर खींच दी। लोकतंत्र के मंदिर वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया। शराब उद्योग और रेत का अवैध उत्खनन शुरू हो गया। भ्रष्टाचार इतने चरम पर पहुंच गया था, कि कांग्रेस के ही कैबिनेट मंत्री ने खुद सोनिया गांधी से शिकायत कर पत्र लिखा था, कि मध्यप्रदेश में शराब, अवैध रेत खनन और ट्रांसफर उद्योग चलाया जा रहा है। हमने सोचा था कि कमलनाथ उद्योगपति हैं, उद्योग लाएंगे। लेकिन इन्होंने तबादला उद्योग शुरू कर दिया। बोलियां लगने लगीं, एक-एक अधिकारी के 4-4 ट्रांसफर होने लगे।
अन्नदाता से गद्दारी की तो धूल चटाएंगे
भाजपा नेता सिंधिया ने कहा कि हमारा अन्नदाता देश और प्रदेश ही नहीं बल्कि सारी दुनिया का पेट भरता है। हमारे अन्नदाता से कोई वादाखिलाफी करे, गद्दारी करे, यह बिलकुल मंजूर नहीं है। कांग्रेस ने कहा था किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करेंगे। ये भी कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर कर्ज माफ नहीं हुआ, तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। मैंने 10 महीने तक इंतजार किया, लेकिन कर्जमाफी नहीं हुई और न ही मुख्यमंत्री बदला गया। उन्होंने कहा कि जो भी सरकार हमारे अन्नदाताओं से गद्दारी करेगी, उसे धूल चटाने का काम सिंधिया परिवार करता रहेगा ।
एक तरफ गद्दार जोड़ी, दूसरी तरफ कमल की, कमाल की सरकार
सिंधिया ने कहा कि इस चुनाव में एक तरफ कमलनाथ-दिग्विजयसिंह की वही जोड़ी है, जिसने पूरे प्रदेश के साथ गद्दारी की। दूसरी तरफ शिवराजसिंह के नेतृत्व में कमल की, कमाल की सरकार है। शिवराज जी ने मुख्यमंत्री बनते ही वो लॉक तोड़ दिया, जो कमलनाथ-दिग्विजयसिंह की जोड़ी ने प्रदेश के विकास पर लगाया था। उन्होंने आते ही किसानों के खातों में फसल बीमा के पैसे डाले। कोरोना संकट के बावजूद गेहूं की समर्थन मूल्य पर इतनी जबरदस्त खरीदी की, कि पंजाब को पीछे छोड़ दिया। कमलनाथ जी ने पैसे नहीं हैं, पैसे नहीं हैं कहकर कन्यादान योजना में शादी करने वाली लाखों बेटियों को पैसे नहीं दिये। अगर पैसे नहीं थे, तो अब शिवराज जी कहां से संबल सहित हर योजना के लिए पैसे दे रहे हैं?
क्षेत्र के विकास के लिए हम सब साथ हैं
सिंधिया ने कहा कि 2018 के चुनाव में मैं और शिवराज जी आमने-सामने थे। हमारे बीच प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन वह विकास, प्रगति और जनता की सेवा के लिए प्रतिस्पर्धा थी। अब हम दोनों साथ हैं, एक हैं और क्षेत्र के विकास के लिए, प्रदेश के विकास के लिए संकल्पित हैं। हम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मिलकर ग्वालियर चंबल का परचम पूरे प्रदेश में लहराएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे कुर्सी व पद का लोभ नहीं है। मेरे दिल में एक ही तमन्ना है कि ग्वालियर चम्बल की जनता के दिल में छोटा सा स्थान मिल जाए। तो मैं अपने आप को सफल मानूंगा।
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