रोहतक। राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा (Deepender Hooda) ने कहा कि विधानसभा सत्र (Assembly session) में भाजपा-जजपा का जनविरोधी चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। महंगाई से जूझ रही जनता को किसी तरह की राहत देने की बात तो दूर हद तो तब हो गयी जब संपत्ति क्षति वसूली जैसा विधेयक जबरन पास करके आम आदमी के हकों की आवाज उठाने का रास्ता भी बंद कर दिया गया।
भाजपा राज में अब सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ प्रजातांत्रिक तरीके से आवाज उठाना भी अपराध हो गया है। संपत्ति क्षति वसूली विधेयक की शब्दावली साफ-साफ बता रही है कि निर्दोष को भी इस विधेयक की आड़ में बड़ी आसानी से दोषी बना दिया जायेगा।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इस जनविरोधी सरकार का बेरहम चेहरा पूरे देश ने देखा है। किसान आंदोलन में 300 से ज्यादा किसानों ने जान की कुर्बानी दे दी, लेकिन इस सरकार ने न तो उनके परिवारों के लिये कुछ नहीं किया न कोई आर्थिक सहयोग दिया, न परिजनों को नौकरी के लिये कुछ किया। यहां तक कि सहानुभूति के दो शब्द भी नहीं कहे। इतना ही नहीं, इस सरकार के नेता, मंत्री, विधायक, सांसद किसानों व उनके परिवारों के आंसुओं की खिल्ली उड़ाते रहे। उन्हें अपमानजनक बोल कहते रहे। कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय बनाये गये 9 किसान मॉडल स्कूलों को भी इस सरकार ने बंद कर दिया। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में 40 हजार अध्यापकों की पोस्ट खाली पड़ी हैं। उनकी भर्ती करने की बजाए सरकार पदों को खत्म करने में जुटी है। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved