पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने सरकार पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और महान समाजवादी नेता स्व. डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह की अंतिम इच्छा को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए जदयू और भाजपा को पेशेवर जालसाजों की जमात कहा है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि डॉ. सिंह ने मृत्यु के तीन दिन पहले 10 सितम्बर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे अपने अंतिम पत्र में मनरेगा कानून में किसानों की जमीन पर भी काम कराने का प्रावधान जोड़ने का अनुरोध किया था। उन्होंने आचार संहिता से बचने के लिए इस आशय का अध्यादेश तुरंत लागू करने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया था लेकिन, उनके नाम पर घड़ियाली आंसू बहा कर राजनीतिक रोटी सेंकने वालों ने उनकी अंतिम इच्छा को भी पूरा नहीं किया और उनकी अंतिम चिट्ठी रद्दी की टोकरी में फेंक दी। राजद नेता ने कहा कि भाजपा और जदयू के लोग कितने जालसाज हैं यह रघुवंश बाबू के पत्र की गलत व्याख्या से साबित होता है। जालसाजों ने उस पत्र के मजमून की गलत व्याख्या कर राजद से उनके इस्तीफे के रूप में दुष्प्रचारित किया।
गगन ने कहा कि रघुवंश बाबू को जब यह आभास हो गया कि वे अब चंद दिनों के मेहमान हैं तो उन्होंने लालू प्रसाद यादव को लिखा कि कर्पूरी जी के निधन के बाद 32 साल तक आपकी पीठ के पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं। अर्थात वे हमेशा के लिए यहां से जा रहे हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने आमजनों के स्नेह की चर्चा करते हुए उनसे क्षमा मांगी है। यदि यह पत्र इस्तीफा रहता तो इसमें आमजन का उल्लेख क्यों किया जाता। पर, जालसाजों ने पत्र की गलत व्याख्या कर अर्थ को अनर्थ बना दिया और राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास किया। (एजेंसी, हि.स.)
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