इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां भले ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सीधी टक्कर हो, लेकिन कई सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (BSP), समाजवादी पार्टी (SP), आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी व कांग्रेस के कुछ बागी उम्मीदवार बड़ा उलटफेर कर सकते हैं.
दरअसल, विंध्य, बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल क्षेत्रों में बीएसपी, सपा और अन्य दलों का अच्छा खासा वोट बैंक (Vote Bank) है. पर बीजेपी इस खतरे में भी अपने लिए नई संभावना तलाश रही है. द प्रिंट ने अपनी एक रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि बीजेपी इस संभावना को अपने फेवर में करने में लगी है.
25 सीटों पर छोटे दल पहुंचा सकते हैं नुकसान
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले महीने के अंत में मध्य प्रदेश की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अमित शाह (Amit Shah) ने राज्य (State) के नेताओं से कहा कि वे सपा और बसपा उम्मीदवारों को कांग्रेस पार्टी के वोट काटने में मदद करें.
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने नौ सीटें जीतीं और और छह पर वह मामूली अंतर से हार गई थी. इनमें से कई सीटों पर एसपी या बीएसपी ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा था. इस बार उसे कम से कम 90 सीटों पर गैर-भाजपा दलों से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. इन 90 में से 25 सीटों पर एसपी, बीएसपी या आम आदमी पार्टी सत्ता विरोधी वोट को विभाजित कर सकती है.
विंध्य और ग्वालियर-चंबल में सपा और बसपा का वोट बैंक
विंध्य और ग्वालियर-चंबल के अलावा, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में भी ऐसी सीटें हैं जहां सपा और बसपा का कुछ प्रभाव है. हालांकि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इस पूरे क्षेत्र में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला था. 2018 के चुनाव में सपा और बसपा दोनों को बुंदेलखंड क्षेत्र में एक-एक सीट मिली थी. इस एरिया में 26 विधानसभा सीट आती है. भाजपा ने 2018 में क्षेत्र की 26 में से 16 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने आठ सीटें जीती थीं.
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