नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा है कि भाजपा हिंदू देवी-देवताओं की संरक्षक नहीं है और उन्हें बंगालियों को देवी काली की पूजा करना नहीं सिखाना चाहिए। एक बंगाली समाचार चैनल से बात करते हुए, मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने मां काली पर टिप्पणी करके एक परिपक्व राजनेता की भूमिका निभाई, जबकि भाजपा समेत अन्य जातीय पार्टियां अपने हिंदुत्व के एजेंडे और अपने विचारों को थोपने का प्रयास कर रही है।
दरअसल, हाल ही में एक टीवी चैनल से बातचीत में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने मां काली पोस्टर विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वो मां काली को शराब और मांस स्वीकार करने वाली देवी के रूप में देखती हैं। उनके बयान ने तुरंत तूल पकड़ा और सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक उनके खिलाफ गुस्सा बढ़ गया। देश भर के कई पुलिस स्टेशनों में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। अकेले पश्चिम बंगाल में कम से कम 4 शिकायतें दर्ज हैं। भाजपा ने महुआ की गिरफ्तारी की मांग की है और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की है।
सिक्किम में मां काली की शराब से पूजा
महुआ अपने बयान की सफाई में कहती हैं, ‘जब आप सिक्किम जाते हैं, तो आप देखेंगे कि वे देवी काली को व्हिस्की चढ़ाते हैं। लेकिन अगर आप उत्तर प्रदेश जाते हैं और अगर आप उनसे पूछते हैं कि आप देवी को ‘प्रसाद’ के रूप में व्हिस्की चढ़ाते हैं? तो वे इसे ईशनिंदा कहेंगे। अपनी बातों को आगे जोड़ते हुए, उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तर भारत में देवी-देवताओं की पूजा के तरीकों के आधार पर देश के अन्य हिस्सों के लोगों पर अपने विचार नहीं थोप सकती है, जो पिछले 2000 वर्षों से प्रचलित हैं।
परिपक्व नेता का काम कियाः महुआ
महुआ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने एक परिपक्व राजनेता के रूप में काम किया। लंबे समय तक, हमने भाजपा के हिंदू धर्म के अपने संस्करण को थोपने के मुद्दे से परहेज किया था, जो उत्तर भारत के स्थापित मानदंडों पर आधारित है। पार्टी को इसे अन्य हिस्सों के लोगों पर थोपने से बचना चाहिए।
श्रीराम और हनुमान सिर्फ भाजपा के नहीं
महुआ ने कहा, ‘न तो भगवान राम और न ही भगवान हनुमान केवल भाजपा के हैं। क्या पार्टी ने हिंदू धर्म का पट्टा लिया है?’ पश्चिम बंगाल जैसा राज्य जहां हिंदू सदियों से अपने सुस्थापित रीति-रिवाजों का पालन कर रहा हैं। हमें सिखाने वाली भाजपा कौन है कि एक विशेष तरीके से देवी काली की पूजा कैसे की जाती है?’
बाहरी लोगों को हमने नजरअंदाज किया
पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने भाजपा को कैसे हराया, यह याद करते हुए मोइत्रा ने कहा, ‘यह बाहरी लोगों की पार्टी है जिसने अपनी हिंदुत्व की राजनीति को थोपने की कोशिश की, लेकिन मतदाताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया। भाजपा को हमें यह नहीं सिखाना चाहिए कि मां काली की पूजा कैसे करें। काली भक्त होने के नाते मुझे पता है कि काली की पूजा कैसे करनी है। हम पिछले 2000 वर्षों से इसी तरह देवी की पूजा कर रहे थे।’
नूपुर का भी जिक्र
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी अब निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणियों पर बैकफुट पर है और मोइत्रा की काली टिप्पणियों पर ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है, जबकि यह कहते हुए कि भगवा पार्टी सफल नहीं होगी।
अपनी टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज मामलों पर मोइत्रा ने कहा, ‘मैं इन राज्यों की संबंधित भाजपा सरकारों को चुनौती देती हूं, जहां प्राथमिकी दर्ज की गई है, अदालत को एक हलफनामा में देवी काली को दिए गए प्रसाद के बारे में लिखित रूप में देने के लिए। क्या असम के मुख्यमंत्री अदालत को लिखित रूप में बता सकते हैं कि कामाख्या मंदिर के पीठासीन देवता को क्या प्रसाद दिया जाता है? क्या अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री वहां के मंदिरों में मां काली को चढ़ाए जाने के बारे में ऐसा कर सकते हैं? क्या इन मंदिरों में प्रसाद के लिए शराब हिस्सा नहीं है?’
टीएमसी का महुआ से किनारा
तृणमूल कांग्रेस ने देवी काली पर महुआ मोइत्रा की टिप्पणी की निंदा की। ट्वीट में लिखा है, ‘ महुआ मोइत्रा द्वारा की गई टिप्पणियां और देवी काली पर व्यक्त किए गए उनके विचार व्यक्तिगत हैं और पार्टी द्वारा किसी भी तरीके या रूप में समर्थित नहीं हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस इस तरह की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करती है।’
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