भोपाल। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने 28 में से 19 सीटों पर जीत दर्ज की है। जीत के बाद जहां पार्टी में उत्साह है, वहीं संगठन सीटवार भितरघातियों की कुंडली बना रहा है। दरअसल, पार्टी चाहती है कि संगठन में ऐसे नेताओं की पहचान हो सके जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है। खासकर उन सीटों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, जहां पार्टी को हार मिली है। गौरतलब है कि भाजपा को जितनी उम्मीद थी, उतनी सीटें मुरैना जिले में नहीं मिलीं। इसके पीछे पार्टी में भितरघात की बातें बीच चुनाव से ही चल पड़ी थीं, तभी तो मतदान से चार दिन पहले सुमावली के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटू को भाजपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब पार्टी के अंदर पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल रहे जयचंदों की कुंडली भाजपा बना रही है। भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. योगेशपाल गुप्ता ने कहा कि, अब तक जो कार्रवाई हुई है वह प्रदेश स्तर से हुई है। अन्य भितरघातियों पर कार्रवाई अब जिला स्तर से भी होगी। मुरैना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह कंषाना की हार के पीछे प्रमुख कारण पार्टी के कुछ बड़े नेता और पदाधिकारियों द्वारा भितरघात करना भी माना जा रहा है। इसके पीछे की वजह यह है कि रघुराज सिंह कंषाना कांग्रेस से भाजपा में आए हैं और भाजपा से जीत जाते तो भाजपा के कई पुराने नेताओं की जमीन छिन जाती। एक बड़े नेता जो हर कार्यक्रम व सभा में रघुराज के आयोजनों पर छीटाकशी करते देखे गए, उन्होंने अपने बेटे की राजनीतिक जमीन पक्की करने के लिए अपने प्रभाव वाले क्षेत्र से भाजपा को वोट नहीं मिलने दिए। इसी तरह शहरी क्षेत्र में भाजपा के पुराने नेताओं ने जातिवाद के नाम पर बसपा को लाभ पहुंचा दिया। भाजपा के कई ऐसे नेता भी हैं, जो मतदान के एन वक्त पर शहर से बाहर ग्रामीण इलाकों में तैनात हो गए। इसका असर भी भाजपा के वोट पर पड़ा है। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो मुरैना भाजपा के कई नेता सुमावली व ग्वालियर पूर्व में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ काम करते देखे गए। वहीं दिमनी में भाजपा प्रत्याशी गिर्राज डण्डोतिया का साथ देने का दावा करने वाले भाजपा के कई नेताओं ने अंदर ही अंदर पार्टी को नुकसान किया है। भाजपा इन सभी भितरघातियों की सूची बना रही है।
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