नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Central Home Minister Amit Shah) 30 सितंबर को दो दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir Visit) जा रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उनका यह कश्मीर का दूसरा दौरा होगा। इससे पहले शाह पिछले साल पुलवामा और श्रीनगर (Pulwama and Srinagar) पहुंचे थे। गृहमंत्री घाटी में आतंक रोधी अभियान और सुरक्षा के ताजा हालात की समीक्षा करेंगे लेकिन चुनाव की सुगबुगाहट के बीच उनका यह दौरा राजनीतिक रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण होगा।
भाजपा (BJP) कश्मीर में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है। पिछले दिनों राज्यसभा में गुलाम अली का मनोनयन इसी कड़ी में अहम कदम था। गुलाम अली गुर्जर (Ghulam Ali Gurjar) मुस्लिम समुदाय से आते हैं। इस समुदाय को पहले ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। ऐसे ही अन्य उपेक्षित समूहों पर भाजपा की नजर है। जो परिसीमन के बाद काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। सूत्रों ने कहा कि कश्मीर में कई राजनीतिक घटनाक्रम हो रहे हैं। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने नई पार्टी बना ली है। भाजपा से उनकी राजनीतिक समझ बनने का अनुमान भी जानकार लगा रहे हैं।
गृहमंत्री 30 सितंबर को जम्मू पहुंचेंगे। वे एक अक्तूबर को राजौरी जिले में एक रैली को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह चुनावी तैयारियों का जायजा भी लेंगे। गृहमंत्री इस दौरान उत्तरी कश्मी के बारामूला में और राजौरी में रैली करेंगे। बताया जा रहा है कि इन रैलियों में कई बड़े ऐलान भी हो सकते हैं। गृहमंत्री की 2 अक्तूबर को बारामूला में होने वाली रैली में न केवल उत्तरी कश्मीर के लोग बल्कि कश्मीर के विभिन्न जिलों से लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है।
विकास के मुद्दे पर सरकार के कामों की जानकारी देंगे
शाह कश्मीर के लोगों से बातचीत करेंगे और साथ ही, केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए विभिन्न मोर्चों पर क्या कर रही है, इसकी जानकारी भी देंगे। हालांकि, भाजपा की तरफ से कहा जा रहा है कि शाह के इस दौरे को जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव कराने से जोड़ना बिल्कुल गलत होगा, बल्कि यह दौरा जम्मू-कश्मीर के विकास और सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। शाह दौरे में जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड द्वारा श्रीनगर में बनाए जा रहे कैंसर हॉस्पिटल की नींव भी रख सकते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अमित शाह पहाड़ी समुदाय को राज्य में विशेष दर्जा देने की घोषणा कर सकते हैं। गुर्जरों की तरह पहाड़ी समुदाय सालों से विशेष दर्जा देने की मांग कर रहा है। इस मामले पर पहाड़ी समुदाय के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले महीने गृहमंत्री से दिल्ली में मुलाकात भी कर चुका है। सूत्रों के मुतबिक, इस दौरे में शाह बुद्धिजीवियों और अन्य प्रमुख हस्तियों से भी मुलाकात करेंगे।
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