बेंगलुरु । भाजपा की कर्नाटक इकाई (Karnataka unit of BJP) विधायक मदल विरुपक्षप्पा (MLA Madal Virupakshappa)को पार्टी से निष्कासित करने पर (On Expelling from the Party) विचार कर रही है (Is Considering) । सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। विधायक को एक निविदा के लिए रिश्वत मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। विधायक की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है और सभी की निगाहें कोर्ट पर टिकी हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में पार्टी नेताओं और आलाकमान ने पहले ही फैसला कर लिया है। पार्टी ने उनके परिवार के किसी सदस्य को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं देने का भी फैसला किया है। बीजेपी विधायक की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट फैसला सुनाएगा। अगर जमानत अर्जी खारिज होती है तो उनकी गिरफ्तारी जल्द हो जाएगी। आरोपी विधायक ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग को लेकर याचिका भी दायर की है।
चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक फरार है और लोकायुक्त की विशेष टीमें उनकी तलाश कर रही हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) को कच्चे माल की खरीद के लिए 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए उनके बेटे प्रशथ मदल को रंगे हाथ पकड़ा गया था। विधायक केएसडीएल का अध्यक्ष थे और उनका बेटा कथित तौर पर अपने पिता की ओर से रिश्वत ले रहा था।
पार्टी ने इस संबंध में अनुशासन समिति से एक रिपोर्ट पहले ही प्राप्त कर ली है। समिति ने पार्टी को हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्रीय अनुशासन समिति से विधायक को पार्टी से निकालने की सिफारिश की है। पार्टी संदेश देना चाहती है कि वह भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी। राज्य भाजपा इकाई ने आलाकमान से जल्द से जल्द फैसला करने का अनुरोध किया है। पार्टी को लगता है कि अगर कार्रवाई में देरी हुई तो नुकसान की गंभीरता अधिक होगी।
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