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    चुनावी मोर्चे सबसे आगे भाजपा

  • September 16, 2023

    • दिग्गजों की सक्रियता और प्रचार से भाजपा ने बदला माहौल

    भोपाल। मप्र विधानसभा चुनाव मैदान में भले ही कई पार्टियां दम भर रही हैं, लेकिन असली मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। चुनाव में अभी करीब 3 माह का समय बाकी है, लेकिन चुनावी मोर्चे पर भाजपा सबसे काफी आगे हैं। दरअसल, भाजपा ने इस बार काफी पहले से ही अपने रणनीतिकारों, दिग्गज नेताओं और स्टार प्रचारकों को मप्र में सक्रिय कर दिया है। इसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है कि पूरा प्रदेश भगवामय दिख रहा है। मप्र में आलाकमान के दिशा निर्देश में भाजपा कई स्तरों पर सक्रिय है। इसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है कि प्रदेश में हर तरफ भाजपा ही भाजपा दिख रही है।

    एक ओर भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा, लाड़ली बहना के जनदर्शन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय दिग्गजों की इतनी भरमार हो गई है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सुस्त बैठी है। दरअसल, भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर बदली हुई तकनीक के साथ आक्रामक अंदाज और फ्रंट फुट पर खेलने की रणनीति अपना ली है। जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए पार्टी ने प्रदेश की सभी 230 सीटों तक पहुंचकर माहौल गर्माने, बढ़त हासिल करने और विरोधी दल पर चुनावी जंग से पहले मानसिक रूप दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। वर्तमान समय में भाजपा के दिग्गजों ने प्रदेश के हर क्षेत्र में मोर्चा संभाल लिया है। इससे भाजपा के पक्ष में माहौल दिखाई दे रहा है। वहीं कांग्रेस के नेता चुनावी मैदान में दिखाई नहीं दे रहे हैं। जैसे-जैसे सियासी पारा चढ़ रहा है कांग्रेस सक्रिय होने के बजाय उनींदी सी दिखाई दे रही है।


    पीएम सहित मुख्यमंत्रियों की बढ़ी सक्रियता
    प्रदेश में भाजपा किस तरह चुनावी मोड में हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री प्रदेश में सक्रिय हैं। 14 से 25 सितंबर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदेश में 3 बड़े कार्यक्रम निर्धारित हो चुके हैं। आशीर्वाद यात्राओं में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तीन दिन से मप्र में घूम रहे हैं। इनके अलावा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा सरमा सहित केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित अन्य कई नेताओं के कार्यक्रम बने हैं। भाजपा ने अपनी पारंपरिक चुनावी जन आशीर्वाद यात्रा में इस बार नए प्रयोग किए हैं। पार्टी का प्रयास है कि आचार संहिता लागू होने के पहले स्टार प्रचारकों सहित ज्यादातर राष्ट्रीय नेताओं के सभी अंचलों में दौरे करा लिए जाएं। इसे भाजपा अपने प्रचार अभियान में फायदे के रूप में देख रही है।

    आचार संहिता के पहले तूफानी प्रचार
    इस बार भाजपा कुछ अलग ही रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी का पूरा फोकस जनता के बीच अधिक से अधिक समय गुजारना है। इसलिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पार्टी के नेता जनता के बीच सक्रिय हैं। पार्टी की रणनीति है की आचार संहिता लगने से पहले तूफानी प्रचार किया जाए। इस रणनीति के तहत एक महीने पहले ही 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर इस मामले में भाजपा बढ़त ले चुकी है। अब अपने पक्ष में चुनावी माहौल बनाने की रणनीति पर काम चल रहा है

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