पटना: बिहार (Bihar) में जाति की राजनीति (Politics) कोई नई बात नहीं है. आए दिन बिहार के सियासी गलियारे में जातीय समीकरण (ethnic equation) के हिसाब राजनीति होती रहती है. बीते 2 दिनों से बिहार में भूमिहार जाति को लेकर चल सियासत के बीच अब राज्य में दलित फैक्टर (dalit factor) पॉलिटिक्स की फिर से एंट्री हो गयी है. दरअसल बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के भूमिहारों को लेकर दिए बयान के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता संजय पासवान (Sanjay Paswan) ने दलित समाज से जुड़ी मांग कर दी है. दरअसल संजय पासवान ने मांग की है कि अब बिहार में दलित (Dalit) सीएम बनाने की बारी है.
संजय पासवान ने उनकी इस मांग के लिए कैंपेन चलाने की बात भी कही है. दरअसल संजय पासवान ने कहा कि मेरी मांग है कि बिहार में किसी दलित को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिले. संजय पासवान ने कहा कि कांग्रेस ने बिहार में अपने कार्यकाल के दौरान 12 जातियों के लोगों को सीएम बनाने का काम किया. 90 के बाद से बिहार में सवा दो सीएम हुए हैं. यादव समाज से या कुर्मी समाज से और कुछ महीना के लिए मांझी जी सीएम बने.
संजय पासवान ने कहा कि सही मायने में इन लोगों ने ओबीसी का टर्म पूरा किया है. अब टर्म बनता है अति पिछड़े समाज का और दलित समाज का. हम लोग चाहेंगे एनडीए के सहयोग से दलित महादलित सीएम बने. उन्होंने कहा कि सोच रहा हूं और अपने लोगों से बातचीत कर रहा हूं. मैं अलग-अलग प्लेटफार्म पर बात कर रहा हूं कि बिना गठबंधन को नुकसान पहुंचाए दलित मुख्यमंत्री बने. इसलिए मै बातचीत करूंगा और इस अभियान में आगे लगूंगा. संजय पासवान ने कहा कि मैं पार्टी पॉलिटिक्स में रहूंगा लेकिन पावर पॉलिटिक्स में नहीं रहूंगा. किसी सदन में अब नहीं जाना है ना कोई डिमांड करुंगा.
बता दें, कुछ महीने पहले ही संजय पासवान ने सीएम नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी के पास नीतीश कुमार का साथ नहीं होता तो बीजेपी जीरो पर आउट हो जाती. यानि उन्हें एक भी सीट राज्य में नहीं मिल पाती. वहीं संजय पासवान ने प्रशांत किशोर के राज्य में तेजी से आगे बढ़ने को लेकर भी बयान दिया और कहा कि उनकी ताकत दिन पर दिन बिहार में बढ़ रही है. बता दें, संजय पासवान अक्सर काफी मुखर होकर अपनी बातों को सबके सामने रखते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved