डेस्क: पश्चिम बंगाल में भाजपा अपने एक बड़े नेता की बयानबाजी से बुरी तरह उलझ गई है. इस बड़े नेता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इससे पार्टी असहज हो गई. मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा और फिर आयोग ने इस मामले में रिपोर्ट तलब कर दी. इसके बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने नेता को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस बीच इस बड़े नेता ने मौखित पर अपनी टिप्पणी को लेकर खेद जताया लेकिन, उसके कुछ ही समय फेसबुक पर अपना विवादित भाषण पोस्ट कर दावा किया कि उन्होंने जो बातें कही वो जनता की आवाज थी. इससे पार्टी परेशानी में पड़ गई है.
दरअसल, यह पूरा मामला पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और बर्दमान-दुर्गापुर से पार्टी के उम्मीदवार दिलीप घोष से जुड़ा हुआ है. उन्होंने एक सभा में मुख्यमंत्री के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया. मुख्यमंत्री को लेकर उनका बयान उनकी ही पार्टी भाजपा को रास नहीं आया, बल्कि उन्हें एक सख्त पत्र के जरिए कारण बताओ नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई. पार्टी के कड़े संदेश के बाद माफी मांगने के बावजूद दिलीप घोष अपने रुख पर अड़े हुए हैं. बर्दवान-दुर्गापुर के भाजपा उम्मीदवार ने फेसबुक पर अपना भाषण पोस्ट कर दावा किया कि उन्होंने आम लोगों की बात कही थी.
फेसबुक पर पोस्ट किया भाषण
दिलीप घोष ने फेसबुक पर लिखा, ”मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल के पास अब महिला पीड़ित कार्ड के बिना जीवित रहने का कोई रास्ता नहीं है. आम लोग आज उनके खिलाफ हैं. नेता जेल जा रहे हैं. मैं सिर्फ आम लोगों के लिए पूछ रहा हूं. वे डर के मारे नहीं बोल सकते, मैंने यह उनके लिए कहा है.” बर्दवान-दुर्गापुर में चुनाव प्रचार से इतर पत्रकारों से बात करते हुए दिलीप ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. भाजपा उम्मीदवार की इस टिप्पणी के खिलाफ तृणमूल ने चुनाव आयोग से शिकायत की. आयोग की ओर से जिलाधिकारी से भी रिपोर्ट तलब की गई.
टिप्पणी से भाजपा परेशान
दिलीप की यह टिप्पणी उनकी पार्टी भाजपा को अच्छी नहीं लगी. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने दिलीप को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा कि आपने आज मुख्यमंत्री के खिलाफ जो टिप्पणी की है, वह अशोभनीय और असंसदीय है. इस तरह की टिप्पणियां भाजपा की परंपरा के खिलाफ हैं और पार्टी इन्हें किसी भी तरह से माफ नहीं करती है. यह पत्र मिलने के बाद दिलीप ने मौखिक रूप से खेद व्यक्त किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री से उनकी कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है. लेकिन टिप्पणी पर खेद जताने के कुछ देर बाद ही दिलीप घोष ने फेसबुक पर पोस्ट कर अपनी पुरानी स्थिति पर अड़ गए.
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