नई दिल्ली। भाजपा (BJP) नेतृत्व लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) की रणनीति और संगठनात्मक कामकाज (Strategy and organizational functioning) को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अपनी टीम में जरूरी फेरबदल और विस्तार कर सकता है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (Party President JP Nadda) के विस्तारित कार्यकाल के साथ यह बदलाव सामने आ सकते हैं। इसमें पार्टी पदाधिकारी और अन्य दायित्वों को संभाल रहे नेता प्रभावित हो सकते हैं।
नेतृत्व बढ़ाने की जरूरत महसूस की हो रही
भाजपा के देशव्यापी विस्तार के साथ केंद्र से लेकर विभिन्न राज्य सरकारों के कामकाज, उनकी योजनाओं, उपलब्धियों, लाभार्थियों के लिए किए गए कार्य को समाज के निचले स्तर तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही विभिन्न समुदायों को अपने साथ प्रभावी ढंग से जोड़ने के लिए पार्टी को विभिन्न स्तर पर नेतृत्व बढ़ाने की जरूरत महसूस की हो रही है। केंद्रीय नेतृत्व ने हाल में सभी स्तरों पर प्रवास को बढ़ाया है।
चुनाव की जिम्मेदारी भी विभिन्न नेताओं को दी
लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी भी विभिन्न नेताओं को दी है, लेकिन इनमें अधिकांश केंद्रीय पदाधिकारी और केंद्र सरकार के मंत्री शामिल हैं परंतु जितना बड़ा काम उस हिसाब से संख्या कम पड़ रही है। कई केंद्रीय मंत्रियों के पास कई लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी है, जबकि उनको अपना मंत्रालय और अपने क्षेत्र भी देखना पड़ रहा है। ऐसे में वह अपने नए दायित्व पर पूरी तरह काम नहीं कर पा रहे हैं।
कई फेरबदल की संभावना
सूत्रों के अनुसार, मौजूदा पदाधिकारियों और प्रवक्ताओं की टीम में भी फेरबदल हो सकता है। कुछ नए पदाधिकारी शामिल किये जा सकते हैं और कुछ को समीक्षा के आधार पर हटाया भी जा सकता है। दरअसल, यह सारी कवायद लोकसभा चुनावों की के लिए मजबूत टीम के तहत होनी है। संभावना है कि पार्टी जेपी नड्डा के कार्यकाल विस्तार के साथ यह बदलाव भी किए जाएं।
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