नई दिल्ली (New Delhi)। भाजपा (BJP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (national executive) में भाग लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दिल्ली में रोड शो (Delhi Road Show) के बड़े राजनीतिक मायने हैं। यह भाजपा की भावी चुनावी तैयारियों के मिशन मोड (Mission mode of election preparations) का एक हिस्सा है। साथ ही यह संदेश भी है कि प्रधानमंत्री गुजरात की तरह देश के हर राज्य में पार्टी की मजबूती के लिए पूरी तरह साथ खड़े हैं। इसके अलावा कार्यकारिणी ने पार्टी में नए नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर यह संकेत दिए हैं कि वह पीढ़ी बदलाव की राह पर आगे बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री का रोड शो एक तरह का सांकेतिक प्रयास था, जो दिल्ली भाजपा के लिए सड़क पर बड़े संघर्ष का संदेश देने के साथ ही प्रधानमंत्री के पूरे सहयोग का भरोसा भी था। यही वजह है कि कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी दो टूक कहा कि गुजरात की तरह बाकी प्रदेश भी प्रचार के लिए मोदी की मेहनत से सीख लें। दिल्ली के लिए तो साफ है कि भाजपा ने बीते कुछ महीनों से आम आदमी पार्टी के खिलाफ जो अभियान छेड़ा है, वह अब और तेज होगा।
दरअसल, वर्ष 2023 की शुरुआत भाजपा के मिशन-2024 की शुरुआत भी है। अब भाजपा के देशभर के अभियान में प्रधानमंत्री मोदी आगे दिखेंगे। नड्डा ने हर चुनाव को जीतने का आह्वान भी इसीलिए किया है कि नीचे से ऊपर तक सभी पार्टी नेता अब चुनाव मोड में रहेंगे और प्रधानमंत्री पूरी ताकत से उनके साथ जुड़े रहेंगे।
बैठक में भाजपा ने अपना राजनीतिक प्रस्ताव सरकार व संगठन के वरिष्ठ नेताओं की जगह दूसरी पंक्ति में आने वाले केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व कर्नाटक के मंत्री गोविंद करजोल से रखवाया। साफ है कि भाजपा पीढ़ी बदलाव की तैयारी में है। आने वाले चुनावों में खासकर उम्मीदवारों के चयन में यह दिख सकता है।
बस से पहुंची वसुंधरा
कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी के कार्यकर्ताओं व अन्य नेताओं के साथ भाजपा मुख्यालय से बस से पहुंची। पदाधिकारियों की बैठक के बाद वसुंधरा राजे ने अपनी कार के बजाय पार्टी की बस को चुना। इस साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी हैं।
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