लखनऊ । नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर (Regarding the Inauguration of the New Parliament House) मचे सियासी बवाल के बीच (In the midst of Political Uproar) सपा मुखिया (SP Chief) अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि भाजपा ने मान लिया है कि (BJP has Accepted that) अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है (Now the Time has Come to Hand Over Power) ।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट मेज एक तस्वीर पोस्ट कर कहा कि सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है। लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है। इससे पहले उन्होंने लिखा था कि भाजपाईयों द्वारा संसद के दिखावटी उद्धाटन से नहीं, बल्कि वहां पर लिखे श्लोकों की मूल भावना को समझकर, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है। जहां सत्ता का अभिमान हो, परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्धाटन में क्या जाना।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने सेंगोल को राजतंत्र का प्रतीक बताया। कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं, ऐसे में सेंगोल का देश की संसद में क्या काम होगा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि सेंगोल राजदंड, राजतंत्र का प्रतीक था। आज देश में लोकतंत्र है, लोकतंत्र में राजतंत्र के प्रतीक सेंगोल का क्या काम? सेंगोल के प्रति भाजपा सरकार की दीवानगी इस बात का प्रमाण है कि इसको लोकतंत्र में विश्वास नहीं है, इसलिए भाजपा लोकतंत्र से हटकर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
गौरतलब है, नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने पर सवाल उठ रहे हैं। नेताओं का कहना है कि भवन का उद्घाटन द्रौपदी मुर्मू के हाथों न कराकर पीएम मोदी से कराना राष्ट्रपति का अपमान है। इसलिए ही एक के बाद एक राजनीतिक दल समारोह का बहिष्कार करते जा रहे हैं।
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