लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज सरकार ने व्यापारी ईस्ट इण्डिया कम्पनी से सत्ता अपने हाथ में ले ली थी और आज की भाजपा सरकार अपनी सत्ता व्यापारियों के हाथ में दे रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यही है भाजपा की संकल्प से सिद्धि की व्याख्या है, जहां काम किसी के हाथ में और लगाम किसी के हाथ में।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार कृषि कानून लाकर किसानों को लूटने का प्रबन्ध कर चुकी है। उसकी नीतियों से किसानों को बदनाम करने के प्रपंचो से लोग बहुत आहत हैं। भाजपा ने खरबपतियों को ही फायदा पहुंचाने वाले नियम बनाए हैं। कर्जमाफी के झूठे दावों तथा बैंकों की प्रताड़ना से किसान जान दे रहे हैं। बाराबंकी में 80 हजार रुपये का बकाया कर्ज न जमा कर पाने पर बैंककर्मियों की प्रताड़ना से किसान लल्ला गौतम की मृत्यु हो गई। सैकड़ों किसान भाजपा राज में अपनी जान दे चुके हैं।
यादव ने कहा कि भाजपा ने किसानों के आंदोलन के प्रति उपेक्षा भाव शुरू से ही अपना रखा है। किसानों की मांगे माने जाने का तनिक भी संकेत प्रधानमंत्री स्तर से आज तक नहीं मिला है। इसमें सिर्फ कारपारेट का ध्यान रखा गया। भाजपा सरकार में गन्ना किसानों पर चीनी मिलों को ऐतिहासिक दस हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया है लेकिन मुख्यमंत्री को इसकी फिक्र नहीं है। मनमानी कर रहे चीनी मिल मालिकों पर किसी का नियंत्रण नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारें लोकतंत्र का गला घोंट रही हैं और अंग्रेजों के नक्शे कदम पर चल रही है। भाजपा सरकार में तनिक भी लोकतांत्रिक मर्यादा और संविधान के प्रति आस्था हो तो उसे अपने कृषि कानून वापस ले लेने चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)
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