नई दिल्ली । आप नेता आतिशी (AAP leader Atishi) ने कहा कि भाजपा सरकार (BJP Government) दिल्ली में बढ़ते अपराध को रोकने में असफल रही (Has Failed to stop rising crime in Delhi) । आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने दिल्ली विधानसभा में बढ़ते अपराध पर चर्चा रोके जाने को लेकर विधान सभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता पर निशाना साधा है।
आतिशी ने आरोप लगाया कि जब आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की, तो विधान सभा अध्यक्ष ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर दिल्ली में बलात्कार होंगे, गोलियां चलेंगी, गैंगवार होगा, तो विधान सभा में उस पर चर्चा भी नहीं होगी?” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली में “डबल इंजन सरकार” की नाकामी को छुपाने के लिए इस चर्चा को रोक रही है।
आतिशी ने इस मुद्दे पर विधान सभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने लिखा कि विधान सभा सत्र में नियम 280 के तहत विशेष उल्लेख के लिए समय निर्धारित किया गया था, जिसमें आम आदमी पार्टी के कई विधायकों ने अपने-अपने इलाकों में बढ़ते अपराध पर चर्चा के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अध्यक्ष ने पांच विधायकों के विशेष उल्लेख को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ‘कानून और व्यवस्था’ दिल्ली विधान सभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
इस फैसले को “अचंभित करने वाला” बताते हुए आतिशी ने कहा, “यह पहली बार हो रहा है कि दिल्ली विधानसभा में दिल्ली के अपराधों पर चर्चा करने से रोका जा रहा है। अगर दिल्ली में कोई बलात्कार होता है, अगर दिल्ली की गलियों में गोलियां चलती हैं, अगर महिलाओं के साथ हिंसा होती है, तो क्या विधान सभा चुप रहेगी?” उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली विधान सभा के 70 सदस्य अपने इलाकों के लाखों नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं और अगर वे अपने क्षेत्र में बढ़ते अपराधों का मुद्दा नहीं उठाएंगे, तो फिर कौन उठाएगा?
आतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली में बढ़ते अपराध को रोकने में असफल रही है और अब वह इस मुद्दे पर चर्चा को भी रोकना चाहती है। उन्होंने कहा, “चुनाव से पहले भाजपा कहती थी कि डबल इंजन की सरकार आने से दिल्ली की समस्याओं को हल करेंगे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अब वे चाहते हैं कि इन समस्याओं पर कोई मुंह भी न खोले।” उन्होंने अध्यक्ष से अपील की कि दिल्ली विधानसभा में दिल्ली से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए, अन्यथा यह लोकतंत्र का अपमान होगा।
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