लखनऊ। भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश की जनता को अपराध, कोरोना महामारी और बाढ़ के संकट में डूबो दिया है। भाजपा सरकार केवल गाइडलाइन जारी करती है और सो जाती है। प्रदेश में कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखने पर भाजपा की राज्य सरकार पूरी तरह विफल है। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कही।
उन्होंने कहा कि अपराधियों पर उसका कोई अंकुश नहीं रह गया है। प्रदेश में लगभग 1 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज हो गए हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बाढ़ का प्रकोप गहराता जा रहा है, तटबंध टूट रहे हैं, गांव जलमग्न हो रहे हैं, अधिकारी उधर झांकने भी नहीं जा रहे हैं। कोरोना संकट का विस्तार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जनपद आजमगढ़ की सगड़ी तहसील बुरी तरह बाढ़ग्रस्त है। एक तरफ छोटी सरयू और दूसरी तरफ घाघरा नदी में बाढ़ के कारण सैकड़ों गांव प्रभावित हैं। सोमवार की सुबह दो बजे टेकनपुर गांव के पास तटबंध टूट गया। दर्जनों गांवों में पानी के बहाव से फसलें जलमग्न हो गई। करीब 20 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है। जिन गांवों में पहले बाढ़ का असर नहीं होता था वहां भी इस बार बाढ़ ने असर दिखा दिया।
उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में पुलिस के भरोसे नहीं जनसामान्य की सुरक्षा अपराधियों की दयादृष्टि से ही सम्भव है। कानपुर में अधिवक्ता की घर में घुसकर दबंगों ने पिटाई कर दी। कल्याणपुर (कानपुर) थाना में अत्यन्त अपमानजनक दृश्य देखने को मिला। फरियादी पीड़ित महिलाएं नीचे जमीन पर बैठी हैं और दारोगा जी कुर्सी पर बैठे हैं। बागपत के गांधीगांव में हत्या की दर्दनाक घटना हुई। बलिया में व्यवसाई की पीटकर हत्या की गई। झांसी के प्रेमनगर में रक्षाबंधन से एक दिन पहले फांसी लगाकर शुभम परिहार ने जान दे दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश अब अराजक जंगलराज में तब्दील हो गया है। प्रशासन बाढ़ से निबटने और अपराध नियंत्रण के मामलों में निष्क्रिय नज़र आता है। कोराना से बचाव में स्वास्थ्य सेवाएं नाकामयाब साबित हो चुकी हैं। भाजपा सरकार ने अपने हाथपांव ढीले कर दिए हैं और राज्य को राम भरोसे छोड़ दिया है। जनता त्रस्त है। लोगों की उम्मीदें भी अब भाजपा सरकार से खत्म हो चुकी हैं। सभी को अब 2022 के चुनावों का इंतजार है जब वोट से सत्ता परिवर्तन का उन्हें मौका मिलेगा। (एजेन्सी, हि.स.)
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