लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में अराजकता के हालात हैं। लूट, हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं थम नहीं रही है। अपराधियों को कानून का खौफ नहीं है। भाजपा सरकार ‘एक जिला, एक उत्पाद’ को बढ़ावा देने की बात कहती है लेकिन हकीकत में ‘हर जिला, जमकर अपराध’ का उसने नया माॅडल लांच कर दिया है।
भाजपा के कारण लोकतंत्र पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। शान्तिपूर्ण अहिसंक विरोध पर बर्बर लाठीचार्ज, न्याय के लिए आवाज उठाते युवाओं की गिरफ्तारी और अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने की भाजपा सरकार का कृत्य अमानवीय और अलोकतांत्रिक हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आई है। क्रय शक्ति घटने से बाजार में मंदी है। किसान, नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। लोगों की नौकरियां छूट गई है। आने वाले दिन और संकट के हो सकते हैं। पूरी व्यवस्था चरमरा गई है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार का शिक्षा, शिक्षकों और शिक्षार्थियों के प्रति दृष्टिकोण मानवीयता से रहित है। जेईई और नीट की परीक्षाएं विरोध के बावजूद करने पर आमादा भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि इस परीक्षा के बाद किस तारीख से शिक्षण संस्थाएं खुलेंगी? कब चयन प्रक्रिया पूरी होगी, कब से कक्षाएं शुरू होंगी? उन्होंने राजभवन पर पार्टी के युवा संगठनों के प्रदर्शन पर पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की।
अखिलेश ने कहा कि मोहम्मद आजम खां की सम्पत्ति और मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के प्रति जो रवैया अपनाया जा रहा है वह द्वेषपूर्ण राजनीति को उजागर करता है। प्रदेश में जनता बेहाल है उसकी मुख्य समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जा रही है। चुन-चुनकर बहुत पहले से निर्मित इमारतों को ध्वस्त किया गया है। भाजपा समझती है कि कुछ मकानों-इमारतों को गिराने से जनसमस्याओं का समाधान हो जाएगा, यह भाजपा की ऐसी भूल है जो उसे बहुत महंगी पड़ेगी। (एजेंसी, हि.स.)
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