लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जश्नों की खुमारी में डूबी है जबकि बदहाल किसानों, बेरोजगार नौजवानों के घरों में अंधेरा है। इसी उपलब्धि का भाजपा नगाड़ा पीट रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में लगातार दूसरी तिमाही विकास दर ऋणात्मक शून्य है। अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी की चपेट में है। प्रदेश में धेले का निवेश नहीं इसके लिए मुख्यमंत्री जी मुम्बई में उद्योगपतियों के सामने शरणं गच्छामि होंगे। लोकतंत्र का इससे बुरा उपहास और क्या होगा?
अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि कोई किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कना भाजपा से सीखे। न किसान का कर्ज माफ किया, न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया। गन्ना मूल्य भुगतान करने में हीलाहवाली की जा रही है। वर्ष 2022 में किसान की आय दोगुनी होने की दूर-दूर तक संभावना नहीं है। किसान के उपयोग की खाद, बिजली, कीटनाशक सब महंगी है। मजबूरी में हजारों किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि आज किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं। सरकार ने साजिशन जो कृषि विधेयक पास किया है उससे किसान अपनी खेती पर स्वामित्व खो देंगे। उन्हें कारपोरेट खेती के लिए मजबूर किया जाएगा। भाजपा सरकार ने जानबूझकर इसीलिए एमएसपी का प्रावधान नहीं रखा है। किसानों को अपनी फसल बड़े व्यापरियों के हाथों बेचने की मजबूरी होगी।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री जी भूलें नहीं कि एक्सप्रेस-वे का उत्तर प्रदेश से परिचय समाजवादी सरकार ने ही कराया। आगरा-लखनऊ, एक्सप्रेस-वे पहली एक्सप्रेस-वे है जिसे समाजवादी पार्टी की सरकार ने बनाया था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भी समाजवादी सरकार की ही देन है। राज्य भर में जनपदों को फोरलेन सड़कों से जोड़ने की व्यवस्था भी समाजवादी सरकार में हुई थी।
उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल में प्रदेश के विकास का एक भी काम नहीं हुआ है। यह सरकार पूरी तरह विफल सरकार रही है। जनता भी इनकी जुमलेबाजी से भलीभांति परिचित हो गई है। कोई इनके भुलावे में आने वाला नहीं है। बचे हुए दिन काटने हैं तो कुछ उछलकूद दिखाने भर को मुख्यमंत्री जी लग गए हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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