भोपाल। प्रदेश में जारी उपचुनाव के बीच भाजपा ने कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया है। खरगोन जिले के बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने भाजपा का दाम थाम लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें भाजपा की सदस्यता ली। बिरला कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के समर्थक हैं। बिरला के भाजपा में शामिल होने से खंडवा लोकसभा के चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। हालांकि इसके तत्काल बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना काल के समय के जनता के गहरे जख्मों को कुरेदना शुरू कर दिया है।
भाजपा के संपर्क में थे बिरला
सचिन लंबे समय से भाजपा नेताओं के संपर्क में थे। लेकिन भाजपा इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती थी। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के दौरान बिरला को भाजपा में शामिल करने का प्लान था। हालांकि इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव की शर्त एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा हाल ही में हुई है।
भाजपा देगी उपचुनाव में टिकट
सचिन बिड़ला ने दल बदला है। ऐसे में दल बदल के तहत उनकी विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त हो जाएगी। हो सकता है कि बिरला खुद इस्तीफा दे दें। इसके छह महीने के भीतर उपचुनाव होंगे। उपचुनाव में वे भाजपा के प्रत्याशी होंगे। भाजपा में शामिल होने के बाद बिरला ने कहा कि अब देश की सबसे बड़ी पार्टी का सदस्य हूं। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार मानता हूं। इस मौके पर शिवराज ने कहा कि बड़ी देर लगी नंदलाला। कांग्रेस जिसने देश-प्रदेश को बंटाधार कर दिया। सचिन भाई जब कमलनाथ के पास जाते थे, नर्मदा का पानी लाने से लेकर मिर्च मंडी की बात करते तो पैसे नहीं है, कहकर चलो-चलो कह देते थे, लेकिन नारायण पटेल के बाद सचिन बिरला ने भी जवाब देते हुए कहा कि चले-चलो।
खरगोन में भाजपा को मिली थी हार
2018 के विधानसभा चुनाव में खरगोन एकमात्र जिला था, जिसकी सभी 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। हालांकि भगवानपुरा से केदार डाबर ने कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़कर सीट जीती थी। बाकी पांच में से 2 विधायक कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे, जिनमें कसरावद विधायक व अरुण यादव के भाई सचिन यादव कृषि मंत्री और महेश्वर से विधायक विजयलक्ष्मी साधौ संस्कृति मंत्री रही थी। डाबर भाजपा के पक्ष में है।
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