नई दिल्ली। भाजपा (BJP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (BJP National Executive Meeting) रविवार को संपन्न हो गई। बीजेपी के लिए यह बैठक कई मायनों बेहद अहम रही. आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने पार्टी सदस्यों और कार्यकर्ताओं को कई बड़े मंत्र दिए. इनमे से पांच संदेश ऐसे रहे जो सबसे ज्यादा खास थे। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब हाल ही में हुए उपचुनावों में पार्टी का प्रदर्शन मिला जुला रहा और आगामी कई राज्यों में कड़ी अग्नि परीक्षा होने वाली है। 2022 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly election 2022) होने हैं उनमें चार राज्य ऐसे हैं जहां पार्टी सत्ता में है और यही वह राज्य हैं जहां सत्ता की वापसी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
पंजाब में एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी की सरकार नहीं है और पार्टी ने रविवार को ऐलान कर दिया है कि पंजाब की सभी सीटों में बीजेपी अपना उम्मीदवार उतारेगी. विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश पर ध्यान लगा रही है यही कारण है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सबसे पहले राजनीतिक प्रस्ताव रखने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को चुना गया. बैठक के दौरान एक बड़ा संदेश यह दिया गया कि मतदाताओं के सामने सरकार की उपलब्धियों को ठीक से पहुंचाना और पार्टी संगठन का और विस्तार करना।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के एजेंडे में सबसे ऊपर था जीत के लिए संकल्प और आगामी पांच राज्यों में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करना. इन पांच राज्यों में से चार भाजपा के मुख्यमंत्रियों और पांच राज्यों के पार्टी अध्यक्षों ने पीएम और बीजेपी के शीर्ष अधिकारियों को जानकारी दी. पीएम ने राज्य की जानकारियों और तैयारियों की सराहना की और कहा कि उम्मीद करते हैं कि जनता भाजपा में अपना विश्वास बनाए रखेगी।
आम जनता के बीच बनाए विश्वास का पुल
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल पंजाब में है. यह एक ऐसा राज्य है जहां पार्टी की मदद के लिए कोई सहयोगी नहीं है. पार्टी को अब यह भी लगने लगा है कि पंजाब में अब कृषि कानून नहीं बल्कि अब सिख पहचान ही वहां एक मुख्य मुद्दा है. कार्यकारिणी में जोर देकर कहा गया कि बीजेपी ने सिखों के लिए करतारपुर गलियारा खोलने समेत कई अहम काम किए हैं।
पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें आम जनता के बीच विश्वास का पुल बनाना होगा और फिर भाजपा के दायरे का विस्तार करना होगा. वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा जैसे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगी।
जम्मू कश्मीर की कहानी
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जम्मू कश्मीर पर भी चर्चा हुई. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर अब दो साल पहले अनुच्छेद 365 के निरस्त होने के बाद से आतंकवाद को पीछे छोड़ते हुए विकास के रास्ते पर है. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में जम्मू कश्मीर में पर्यटन और निवेश दोनों में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से नागरिकों की हत्याओं में भारी गिरावट आई है. बैठक में जम्मू कश्मीर के लिए 28,400 करोड़ रुपये के उद्योग प्रोत्साहन योजना का भी जिक्र किया गया।
पश्चिम बंगाल में चुनाव का सकारात्मक बिंदु
कार्यकारिणी की बैठक में पश्चिम बंगाल चुनावों पर भी बात की गई. पार्टी के आला नेताओं ने कहा कि पार्टी राज्य में हर एक कार्यकर्ता के पीछे खड़ी है और उनके साथ हुए अन्याय के लिए लड़ेगी. पार्टी ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनावों का सबसे सकारात्म बिंदु यह रहा ही पार्टी राज्य में काफी आगे तक बढ़ चुकी है. पांच साल पहले पश्चिम बंगाल में बीजेपी शून्य पर थी लेकिन अब इस साल 38 प्रतिशत तक आगे बढ़ गई है जो कि अभूतपूर्व था।
सरकार की तीन उपलब्धियां दिखाएं
राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने एकतरफा संदेश यह भी दिया कि पार्टी को कोरोना संकट के दौर में तमाम चुनौतियों के बावजूद 100 करोड़ से अधिक टीकाकरण और 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त राशन योजना को बड़ी उपलब्धि के रूप में जनता के सामने प्रदर्शित करना चाहिए और यह आगामी चुनावों में काफी बड़ा मुद्दा हो सकता है. इसके साथ ही पार्टी ने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से लाखों किसानों को आर्थिक मदद दी है इससे विधानसभा चुनावों में किसानों का पार्टी पर भरोसा बनेगा।
विपक्ष के पाखंड को जनता के सामने लाना
कार्यकारिणी की बैठक में सबसे अंत में कार्यकर्ताओं को विपक्ष का पाखंड जनता के सामने लाने का संदेश दिया गया. पार्टी ने कहा कि विपक्ष शासित राज्यों ने अभी तक ईंधन पर वैट कम नहीं किया, विपक्ष ने टीकाकरण अभियान के बारे में अफवाह फैलाई, सरकार की आलोचना की और महामारी के दौरान पूरा विपक्ष गंदी राजनीति करने में व्यस्त रहा. पार्टी ने कहा कि विपक्ष इतना गिर गई कि टीकाकरण कार्यक्रम में संदेह पैदा करने लिए वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन, मोदी की वैक्सीन का नाम दिया गया. पार्टी ने कहा कि विपक्ष की क्षुद्र मानसिकता को जनता के सामने लाना जरूरी है।
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