नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली अध्यादेश मुद्दे (ordinance issues) पर कांग्रेस (Congress) के आम आदमी पार्टी (AAP) के समर्थन में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार को आरोप लगाया कि उसने (कांग्रेस) अपनी राज्य इकाइयों के हितों से ‘नियमित रूप से’ समझौता किया है और राहुल गांधी को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए खुद को ‘लोगों के एक समूह’ तक सीमित कर लिया है। भाजपा की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस के यह स्पष्ट करने के बाद आई है कि वह दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश का समर्थन नहीं करेगी और देश में संघवाद को नुकसान पहुंचाने के केंद्र सरकार के किसी भी प्रयास का विरोध करेगी।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आप ने कहा कि दिल्ली अध्यादेश का कांग्रेस का स्पष्ट विरोध एक सकारात्मक घटनाक्रम है। हालांकि, भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने आप को समर्थन देने का विरोध किया था। अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासन के खिलाफ खड़े हो रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”लेकिन दोनों राज्यों में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने आप और तृणमूल कांग्रेस के साथ समझौता किया है, जिसके बदले कोई फायदा नहीं हुआ।” भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ”कांग्रेस ने नियमित रूप से अपनी राज्य इकाइयों के हितों से समझौता किया है और राहुल गांधी को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए खुद को उनके इर्द-गिर्द दौड़ने वाले लोगों के एक समूह तक सीमित कर लिया है।”
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, ”बेंगलुरु में खंडित ‘विपक्ष की बैठक’ कर रही कांग्रेस को पहले कांग्रेस के भीतर मतभेदों को स्पष्ट करना चाहिए।” उन्होंने ट्वीट किया, ”दिल्ली सेवा अध्यादेश के मुद्दे पर: कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रताप बाजवा ने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘आप’ कांग्रेस के समर्थन की हकदार नहीं है। कांग्रेस नेता माकन ने कहा कि कांग्रेस को आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं करना चाहिए। आज कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल कहते हैं कि कांग्रेस अध्यादेश के समर्थन में नहीं है, आप के पक्ष में है।” उन्होंने ट्विटर पर कहा, ”राजनीतिक हताशा और भ्रम की स्थिति कांग्रेस पर हावी है।”
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने उम्मीद जताई कि उसने दिल्ली और पंजाब में अपनी राज्य इकाइयों से परामर्श करने के बाद दिल्ली अध्यादेश मुद्दे पर आप का समर्थन करने का फैसला किया है। सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अपनी पार्टी की दिल्ली और पंजाब इकाइयों की राय मांगी होगी क्योंकि कांग्रेस की दोनों राज्य इकाइयां कुछ और ही बोल रही हैं।” सिंह ने कहा, ”यह (आप को समर्थन देने का कांग्रेस का फैसला) दिमागों का मिलन है, न कि दिलों का, क्योंकि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को आप सरकार द्वारा गिरफ्तार किया जा रहा है।
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