नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा को एक और अहम जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें राज्यसभा यानी संसद के उच्च सदन का नेता नियुक्त किया गया है। इस भूमिका में नड्डा पीयूष गोयल की जगह ले रहे हैं। नड्डा इस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने इसी महीने केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली थी। माना जा रहा था कि इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसी और को दी जाएगी। लेकिन, अब चर्चा है कि नड्डा ही भगवा दल के अध्यक्ष बने रहेंगे।
भाजपा के कानूनों के अनुसार पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तभी चुना जा सकता है जब हर राज्यों में सांगठनिक चुनाव 50 प्रतिशत पूरे हो गए हों। माना जा रहा है कि ऐसा होने में अभी लगभग 6 महीने का समय और लग सकता है। उल्लेखनीय है कि इतनी सारी जिम्मेदारियां संभाल रहे जेपी नड्डा को राज्यसभा के लिए पहली बार साल 2012 में हिमाचल प्रदेश से चुना गया था। इसके 2 साल बाद यानी साल 2014 में उन्हें भाजपा के संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया गया था।
जेपी नड्डा की राजनीति में एंट्री छात्र जीवन में ही हो गई थी। साल 1977 से 1979 के बीच रांची में वह स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स में खासे एक्टिव रहे थे। उनका राजनीतिक करियर लाइमलाइट में साल 1975 में आया था जब उन्होंने बिहार मूवमेंट के लिए एक्टिविस्ट के तौर पर शुरुआत की थी। इस मूवमेंट को जेपी आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हो गए थे। साल 1977 में वह इसके सचिव चुने गए थे।
इसके अलावा वह हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। साल 1993 से 2007 के बीच 3 बार उन्होंने इस सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। उन्होंने लोकसभा चुनाव कभी नहीं लड़ा है। संसद में वह राज्यसभा सांसद के तौर पर ही पहुंचे हैं। इस साल अप्रैल में उन्हें गुजरात से राज्यसभा सांसद चुना गया था। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में भी जेपी नड्डा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पद दिया गया था।
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