नई दिल्ली (New Delhi) । भाजपा (BJP) की लोकसभा (Lok Sabha) की चुनावी तैयारियों को समग्र रूप देने के लिए अलग अलग जिम्मेदारी निभा रहे तीन महासचिव अब एक साथ मिलकर भावी रणनीति तैयार करेंगे। इनके साथ पहले से काम कर रहे विभिन्न पदाधिकारी भी जुड़े रहेंगे। इसका उद्देश्य सभी सीटों के लिए चुनावी रणनीति, प्रवास व दौरे समेत सभी कामों में तेजी लाना है।
लोकसभा चुनाव को अब लगभग एक साल बचा है और पार्टी पूरी तरह से मिशन मोड में काम कर रही है। पार्टी की लोकसभा चुनाव की रणनीति से जुड़े नेताओं के बीच समन्वय बढ़ाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, महासचिव विनोद तावड़े, सुनील बंसल व तरुण चुग भी अब बेहतर समन्वय के साथ काम करेंगे।
अभी तावड़े देश भर में हारी हुई व कमजोर सीटों की रणनीति बना रही टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि तरुण चुग लंबे समय से प्रमुख केंद्रीय नेताओं के प्रवास व दौरे का काम देख रहे हैं। सुनील बंसल को भी तीन राज्यों तेलंगाना, ओडिशा व पश्चिम बंगाल के समन्वय के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीतिक टीम में जोड़ा गया है।
भाजपा ने बीते साल ही विनोद तावड़े के साथ एक टीम तैयार की थी, जिसमें बैजयंत पांडा, हरीश अवस्थी, नरेश बंसल आदि शामिल थे। इस टीम को बीते चुनाव में हारी हुई सीटों के साथ कमजोर सीटों के लिए रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इस टीम के साथ कई मंत्रियों को इन सीटों का काम सौंपा गया था। जिनमें मंत्रियों व प्रमुख नेताओं ने कई दौर के प्रवास भी किए हैं।
सूत्रों के अनुसार, संगठनात्मक स्तर पर तीनों महासचिवों तरुण चुग, विनोद तावड़े व सुनील बंसल को एक टीम का रूप दिया गया है। इनके साथ काम कर रहे अन्य नेता भी इसमें जुड़े रहेंगे। इनका काम लोकसभा चुनावों की दृष्टि से हर स्तर पर सीट की स्थिति, तैयारी, फीडबैक, प्रचार, प्रसार, दौरे, प्रवास, सम्मेलन आदि सभी का समन्वय करना होगा।
जाहिर है कि यह तीनों नेता लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ेगे और पूरी तरह से संगठनात्मक दायित्वों से जुड़े रहेगे। साथ ही अपने प्रभार वाले राज्यों का काम भी देखते रहेंगे। तावड़े के पास बिहार, तरुण चुग के पास तेलंगाना व बंसल के पास पश्चिम बंगाल, ओडिशा व तेंलगाना का विशेष प्रभार है।
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