नई दिल्ली (New Delhi) । केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) के नौ साल पूरे होने पर होने वाले कार्यक्रमों के साथ राजस्थान (Rajasthan) में भाजपा (BJP) अपने चुनावी मिशन की शुरुआत भी कर देगी। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 31 मई को अजमेर में होने वाली रैली से होगी। इस रैली में भाजपा की एकजुटता भी दिखेगी और मंच से भावी नेतृत्व का संदेश भी जाएगा। अजमेर का इसलिए भी महत्व है क्योंकि यह कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) का शहर है और यहां से कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) भी सांसद रह चुके हैं।
लोकसभा चुनावों से ठीक पहले जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें राजस्थान भी शामिल है। कांग्रेस की सरकार होने से भाजपा के लिए इसका काफी महत्व भी है। हालांकि यहां पर भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसमें 24 उसे खुद को व एक सहयोगी को मिली थी। हालांकि इसके बाद राज्य में भाजपा में मजबूती से ज्यादा खेमेबाजी के लिए चर्चा में रही और पार्टी को संगठन में बदलाव भी करना पड़ा।
प्रधानमंत्री की अजमेर रैली में भाजपा केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों के साथ राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमला भी बोलेगी। कांग्रेस में मचे घमासान के साथ राज्य में डबल इंजन सरकार को लेकर भाजपा सीधा संदेश देगी। सूत्रों के अनुसार भावी चुनावी एजेंडा के साथ यह रैली भाजपा के भावी नेतृत्व को लेकर भी अहम होगी। भाजपा यहां से सामूहिक नेतृत्व का संदेश देगी, लेकिन मंच से इस बात के भी संकेत दिए जा सकते हैं कि राज्य के नेतृत्व को लेकर केंद्र की भूमिका क्या है।
सूत्रों का कहना है कि अभी पार्टी किसी नेता को बतौर मुख्यमंत्री पेश नहीं करेगी। चुनाव अभियान में प्रधानमंत्री मोदी को आगे रखा जाएगा, लेकिन कमान राज्य के नेताओं के पास ही रहेगी। केंद्रीय नेतृत्व व प्रभारी मुख्यत: सलाहकार की भूमिका में होंगे और चुनाव प्रबंधन पर ज्यादा फोकस करेंगे। विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयारी की जाएगी, इसलिए केंद्र की मोदी सरकार अभियान के केंद्र में रहेगी।
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